कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों – लक्ष्मी नारायण मंदिर (सरे) और रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा (वैंकूवर) में 19 अप्रैल की सुबह-सुबह तोड़फोड़ की गई। ये घटनाएं सुबह करीब 3 बजे हुईं। अब सरे पुलिस सेवा (एसपीएस) और वैंकूवर पुलिस विभाग (वीपीडी) ने इन घटनाओं को अंजाम देने वालों की सीसीटीवी तस्वीरें जारी की हैं। स्थानीय पुलिस ने जनता से अपील की है कि इस मामले से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी उन्हें तुरंत दी जाए। खास तौर पर यह घटना 19 अप्रैल को हुई, जब बैसाखी के मौके पर स्थानीय इलाकों में बड़ी संख्या में नगर कीर्तन निकाले जाने थे। साफ है कि इस घटना को अंजाम देकर कनाडा में बसे हिंदू और सिख समुदाय के बीच सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश की गई। संदिग्धों की पहचान के लिए पुलिस ने मांगी सहायता पुलिस के अनुसार, घटनास्थल पर लगे सुरक्षा कैमरों में संदिग्धों को एक सफेद पिकअप ट्रक में आते हुए देखा गया है। अब इन संदिग्धों की तस्वीरें सार्वजनिक कर दी गई हैं ताकि लोगों की सहायता से उनकी पहचान की जा सके। सरे पुलिस ने कहा है कि यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है और इसकी जांच उच्च प्राथमिकता पर की जा रही है। वहीं वैंकूवर पुलिस विभाग ने भी इसे एक संभावित नफरत से प्रेरित घटना मानते हुए हर कोण से जांच शुरू कर दी है। समुदाय में फैली चिंता इस घटना के बाद स्थानीय हिंदू और सिख समुदायों में गहरी चिंता और आक्रोश देखा गया है। लक्ष्मी नारायण मंदिर और रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा दोनों ही समुदाय के बीच श्रद्धा और सेवा के प्रमुख केंद्र माने जाते हैं। धार्मिक स्थलों पर इस तरह की तोड़फोड़ को लेकर विभिन्न संगठनों और नेताओं ने कड़ी निंदा की है। पुलिस की अपील SPS और VPD ने अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति के पास इस घटना से जुड़ी कोई भी जानकारी है, जैसे कि संदिग्धों की पहचान, वाहन की जानकारी या कोई वीडियो फुटेज, तो वह तुरंत पुलिस से संपर्क करे। जानकारी गोपनीय रखी जाएगी और जांच में मदद करने वालों की पहचान सुरक्षित रहेगी।