गुरुग्राम में अवैध लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़:सोनीपत-रोहतक की टीम ने 4 दलालों को पकड़ा; 39 हजार में कराते थे अल्ट्रासाउंड

हरियाणा में भ्रूण हत्या और लिंग परीक्षण जैसे जघन्य अपराधों के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। सोनीपत और रोहतक की पीसीपीएनडीटी टीमें सूचना के आधार पर एक्शन में आईं और गुरुग्राम जिले के पटौदी कस्बे में अवैध लिंग जांच कराने वाले गिरोह को रंगे हाथों पकड़ने में सफलता प्राप्त की। डिकॉय ऑपरेशन के तहत 4 दलालों को मौके से गिरफ्तार किया गया। इस पूरे गिरोह के खिलाफ पटौदी थाने में पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 और बीएनएस एक्ट 2023 की धाराओं में एफआईआर दर्ज की जा रही है। सिलसिलेवार पढ़िए किस प्रकार से गैंग को पकड़ा गया सूचना के बाद बना डिकॉय ऑपरेशन का प्लान सोनीपत के सिविल सर्जन डॉ. ज्योत्सना को सूचना मिली थी कि एक गैंग रोहतक और सोनीपत की महिलाओं को लेकर अवैध लिंग परीक्षण के लिए गुरुग्राम के पटौदी क्षेत्र ले जा रहा है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए रोहतक और सोनीपत की पीसीपीएनडीटी टीमें तत्काल सक्रिय हो गईं और 16 अप्रैल 2025 को एक संयुक्त डिकॉय ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार की गई। मुख्य दलाल नितेश ने पटौदी बस स्टैंड पर बुलाया डिकॉय सूचना के मुताबिक जब मुख्य दलाल नितेश से डिकॉय ने संपर्क किया तो उसने पटौदी बस स्टैंड पर बुलाया। वहां पहुंचने पर नितेश ने डिकॉय को दो अन्य दलालों राजीव और प्रवीण से मिलवाया। जो उसे गणपति डायग्नोस्टिक अल्ट्रासाउंड सेंटर ले गए। स्कूटी से हॉस्पिटल और फिर वापस अल्ट्रासाउंड सेंटर राजीव और प्रवीण ने डिकॉय को अपनी स्कूटी पर बैठाया और पास के रामा अस्पताल ले गए। फिर वहां से उसे वापस गणपति डायग्नोस्टिक सेंटर लाया गया। यहां एक पंजीकृत डॉक्टर द्वारा डिकॉय महिला की सामान्य गर्भावस्था की अल्ट्रासाउंड जांच की गई। ताकि पूरे काम को वैध जांच की आड़ में अंजाम दिया जा सके। 39 हजार की डील और कैश लेन-देन कैमरे में रिकॉर्ड दोपहर करीब 2 बजे एक और दलाल दीपक वहां पहुंचा और डिकॉय से 39 हजार रुपए नकद लिए। यह पूरी प्रक्रिया गणपति डायग्नोस्टिक सेंटर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई। जो इस ऑपरेशन की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। नितेश भी अस्पताल के पास से पकड़ा मुख्य दलाल नितेश को भी अस्पताल के पास से टीम ने धर दबोचा। पूरे ऑपरेशन के बाद पटौदी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (BNS Act 2023) और पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। इस सफल ऑपरेशन में डॉ. सुमित कौशिक (नोडल अधिकारी, पीसीपीएनडीटी सोनीपत) और डॉ. विश्वजीत राठी (नोडल अधिकारी, पीसीपीएनडीटी रोहतक) ने नेतृत्व किया। इनके साथ डॉ. विशाल चौधरी, रंजीत, जोगिंदर (रोहतक टीम) और डॉ. नितिन, डॉ. प्रवीण, मनोज (सोनीपत टीम) ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।

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