जदयू के अल्पसंख्यक प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जमुई के आढा निवासी मलिक ने अपने समर्थकों के साथ यह कदम उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा जारी किया। मलिक ने कहा कि राज्य के मुसलमानों का नीतीश कुमार पर से विश्वास टूट गया है। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम पर जदयू के रुख से लाखों मुस्लिम कार्यकर्ताओं को गहरा आघात लगा है। ललन सिंह के बयान पर जताई नाराजगी मलिक ने लोकसभा में ललन सिंह के बयान और बिल के समर्थन पर भी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि यह बिल संविधान के कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। भारतीय मुसलमान किसी भी स्थिति में इसे स्वीकार नहीं कर सकते। नेता ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ अंसारी को भी भेज दिया है। इस इस्तीफे के बाद जिले की राजनीति में हलचल मच गई है। बता दें कि मोहम्मद शाहनवाज मलिक जदयू के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा सौपा है। इस्तीफे में आज की तारीख है। इस्तीफा देने के बाद मोहम्मद शाहनवाज मलिक ने कहा कि ये अफसोस की बात है कि नीतीश कुमार ने वक्फ बिल का समर्थन दिया है। इस कारण मैं जदयू और पार्टी की सभी जिम्मेदारी से इस्तीफा दे रहा हूं। राज्य के करोड़ों मुसलमानों ने सीएम नीतीश कुमार को माला पहनाया है। सीएम से सभी को उम्मीद थी और सभी कुछ को ये अच्छे से लेकर भी चल रहे थे। मुसलमानों के इबादतगाह, मदरसों और कब्रिस्तान की बात आई तो वहां पर इन्होंने मुसलमानों के खिलाफ समर्थन दिया है। ललन सिंह ने जिस तेवर के साथ बात को रखा है, ये भी अफसोसजनक है। ये बुजुर्गों का फैसला है कि जिस पार्टी ने दीन को नहीं समझा, उससे हमें बचना चाहिए। मैंने सूझबूझ के साथ अपना पद छोड़ा है। मुसलमानों का दिल टूट गया है।