केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के लोगों को बड़ी सौगात दी है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल पंजाब और हरियाणा में बनने वाले 19.2 किलोमीटर लंबे जीरकपुर बाईपास सड़क परियोजना को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट पर गत 11 साल से प्लानिंग चल रही थी। इसकी लागत 1878.31 करोड़ रुपए होगी। सिक्स लेन वाला जीरकपुर बाईपास एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होगा।। हाइब्रिड एन्युटी मोड पर बनेगा। इसके बनने से ट्राइसिटी में जाम की दिक्कत पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। यह रिंग रोड का काम बनेगा। जीरकपुर से परवाणु हाईवे तक बनेगा यह बाईपास जीरकपुर-पटियाला हाईवे (एनएच-7) से शुरू होकर जीरकपुर-परवाणू हाईवे (एनएच-5) तक जाएगा और इसका निर्माण पंजाब सरकार के मास्टर प्लान के अनुसार किया जाएगा। इसका समापन हरियाणा के पंचकूला में होगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी से यातायात को हटाकर हिमाचल प्रदेश को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करके ज़ीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है। यह रिंग रोड का रूप लेगा। जीरकपुर बाईपास इस योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है। इस बाईपास के बनने से लोगों को होगा फायदा
इस बाईपास के बनने से जीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करना है। यह मार्ग पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी और हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले वाहनों को सीधी और जाम-मुक्त कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे यात्रा का समय कम होगा और राष्ट्रीय राजमार्ग 7, 5 और 152 के शहरी एरिया पर यातायात सुगम बनेगा। एक किलोमीटर बनाने पर खर्च होंगे 97 करोड़ रुपए
जब मंत्री अश्विनी वैष्णव से प्रोजेक्ट के बारे बता रहे थे, तो मीडिया ने सवाल किया कि एक किलोमीटर सड़क बनाने पर खर्च करीब 97 करोड़ रुपए आएगा। एक किलोमीटर पर इतना खर्च क्यों आएगा? आखिर इसमें ऐसा क्या लगाया जा रहा है, जो इसका खर्च इतना बढ़ रहा है?
इस पर उन्होंने बताया कि इस मार्ग में घग्गर नदी पड़ती है। इस पर सिक्स लेन एलिवेटेड ब्रिज बनाया जाएगा। इसी वजह से खर्च बढ़ेगा। हालांकि, उन्होंने हंसते हुए कहा कि भले ही जितनी भी तैयारी कर लो, एक-आधा सवाल तो आउट ऑफ सिलेबस से आ ही जाता है।