हरियाणा के कुरुक्षेत्र में लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मीटिंग में शिकायतें सुन रहे राज्य मंत्री राजेश नागर के सामने एक व्यक्ति ने खुद का डेथ सर्टिफिकेट दिखाकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा, “हेल्थ विभाग के अफसरों ने मुझे सरकारी रिकॉर्ड में मृत बताकर ये सर्टिफिकेट जारी किया है, जबकि मैं आपके सामने खड़ा हूं।” मंत्री से उन्होंने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। शिकायत करने वाले व्यक्ति कैथल जिले के सिसला गांव के रहने वाला बलवान सिंह हैं। जैसे ही उन्होंने मंत्री से शिकायत की तो हेल्थ विभाग के अधिकारी हड़बड़ा गए। तुरंत कार्रवाई करते हुए बलवान का डेथ सर्टिफिकेट रद्द कर दिया गया। हालांकि, बलवान सिंह का कहना है कि केवल सर्टिफिकेट रद्द करने से काम नहीं चलेगा, इस गंभीर चूक की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और को ऐसी परेशानी का सामना न करना पड़े। पिता के डेथ सर्टिफिकेट के लिए किया था आवेदन
लवान सिंह के मुताबिक, उसके पिता जयनारायण उर्फ पूर्ण किरमिच गांव में रहते थे। साल 2003 उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। जमीन के मामले में अब उसे पिता के डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत थी। उसने अपने पिता का डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए हेल्थ विभाग को आवेदन किया था।
आरोप लगाया कि पहले तो उसके पिता का डेथ सर्टिफिकेट बनाया नहीं गया। मगर, जब हेल्थ विभाग ने सर्टिफिकेट बनाया तो पिता की जगह उसका सर्टिफिकेट तैयार कर दिया। हेल्थ विभाग के अफसरों से भी हुई नोकझोंक
जब बलवान सिंह ने राज्यमंत्री नागर के सामने यह मामला उठाया तो हेल्थ विभाग के अफसरों ने उसे बीच में ही टोका। इस पर बलवान सिंह तीखी आवाज में बोला-‘गलती है ये, ये कौन खड़ा है, देखा है कभी’। इस पर अफसर ने जवाब दिया- ‘ मैं तो जानता नहीं जी आपको’। मंत्री ने भी पूछा कि- बताओ क्या कार्रवाई चाहते हो। इस पर बलवान सिंह ने उसी सुर में कहा कि इस सर्टिफिकेट को भी ठीक करने के लिए विभाग ने काफी टाइम लगा दिया। मांग रखी कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मीटिंग में रखे 17 केस, मंत्री बोले- 15 फाइल कर दी
लघु सचिवालय के भू-तल स्थित सभागार में चल रही मंत्री नागर की मीटिंग में विभिन्न विभागों से संबंधित 17 केसों को रखा गया है। DC नेहा सिंह के मुताबिक, इनमें ADC कार्यालय, जिला विकास एवं पंचायत विभाग, आबकारी एवं कराधान विभाग, पुलिस विभाग, हेल्थ विभाग, खनन विभाग, उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम और नगर निकाय से जुड़ी शिकायतें शामिल हैं। इसके बाद मंत्री नागर ने जानकारी देते हुए कहा, “सभी शिकायतों का समय और निष्पक्षता के साथ निस्तारण किया जा रहा है। अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले में बिल्कुल लापरवाही न बरतें। 17 केस आए थे। इनमें 5 पुराने थे, जिनमें से 3 फाइल कर दिए गए हैं, जबकि 1 पेंडिंग है। 12 नए केस में 11 फाइल कर दिए गए हैं, केवल एक ही पेंडिंग है। मीटिंग में न पहुंचने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई
लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मीटिंग में कुछ अफसरों के नहीं पहुंचने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि उन्होंने DC को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। कहा है कि यदि कोई अफसर बिना सूचना के मीटिंग से गैरहाजिर रहता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जनसुनवाई जैसे कार्यक्रमों के प्रति अफसरों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस विधायक ने रखीं शहर की 3 समस्याएं
बैठक में कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने शहर की 3 समस्याएं राज्यमंत्री नागर के समक्ष रखी। अरोड़ा ने बताया कि नगर परिषद ने ब्रह्मसरोवर के निकट डंपिंग पॉइंट बना दिया गया है। ब्रह्मसरोवर पर प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं। इस डंपिंग पॉइंट को यहां दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। इस पर राज्यमंत्री ने विधायक अरोड़ा से जमीन की तलाश करने की बात कही। तब विधायक ने जवाब दिया कि मैं जमीन की तलाश क्यों करुं। नगर परिषद जमीन देखे। दूसरी समस्या रखी कि LNJP अस्पताल की बिल्डिंग बन रही है, मगर विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल में बने कमरे खुद अपने पास रख लिए। अधिकारी अपना कार्यालय धर्मशाला में शिफ्ट करें, ताकि मरीजों को परेशानी न हो। तीसरी समस्या विधायक ने पीने के पानी की रखी।