हिमाचल में स्केटिंग रिंक के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। धर्मशाला के सकोह में आइस और रोलर स्केटिंग रिंक के निर्माण के लिए हरे-भरे पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है। फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1981 के तहत 95 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है। एशियन डिवेलपमेंट बैंक की 35 करोड़ रुपए की सहायता से यह प्रोजेक्ट चल रहा है। लोअर सकोह में 63 कनाल भूमि पर यह रिंक बनाई जा रही है। मार्च के अंत से भूमि समतलीकरण का काम शुरू हुआ था। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को बिना किसी सार्वजनिक परामर्श के शुरू किया गया है। यह क्षेत्र आम और अन्य फलदार वृक्षों से भरा है। स्थानीय निवासी रजनीश चौधरी के अनुसार इस कटाई से पर्यावरण और पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान होगा। धर्मशाला नगर निगम की ट्री आफिसर तनवी गुप्ता ने बताया कि डीएफओ धर्मशाला ने पेड़ काटने की अनुमति दी है। वन निगम इस कार्य को करवा रहा है। प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में आइस रिंक जैसी सुविधाएं उचित नहीं हैं। इनके रखरखाव में बहुत अधिक बिजली और पानी की खपत होती है। इससे प्राकृतिक जल स्रोतों पर दबाव बढ़ेगा और वृक्षों की कटाई से जलवायु पर बुरा असर पड़ेगा। अधिकारी बोले- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान का कहना है कि यह परियोजना धर्मशाला के पर्यटन कारोबार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में पैराग्लाइडिंग और अन्य साहसिक खेल पहले से लोकप्रिय हैं। आइस और रोलर स्केटिंग रिंक इनके लिए एक अतिरिक्त आकर्षण बनेंगे।