सिरसा में ठगी करने वाला मुंबई से पकड़ा:कनाडा भेजने के नाम पर 29 लाख ठगे, बिहार का रहने वाला, एक पहले गिरफ्तार

सिरसा पुलिस ने वर्क परमिट वीजा घोटाले में मुंबई से एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कनाडा भेजने का झांसा देकर 29 लाख रुपए की ठगी की। पीड़ित की शिकायत पर थाना सदर सिरसा में मामला दर्ज किया था। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेश कर 2 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है। रिमांड के दौरान ठगी की रकम की बरामदगी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश की जाएगी। जानें क्या है पूरा मामला जानकारी के अनुसार आरोपी की पहचान बिहार के मुज्जफरपुर के सत्यकेतू शंकर के रूप में हुई है। वह वर्तमान में मुंबई के ओसिवाड़ा में रह रहा था। मामला 2019 का है। शिकायतकर्ता पवनदीप सिंह मोहाली में नौकरी करता है। उसकी मुलाकात सिराजुद्दीन अंसारी से हुई, जो खुद को फिल्म निर्माता बताता था। फाईल जमा करवाने के लिए मुंबई बुलाया सिराजुदीन ने पवनदीप को कनाडा भेजने का झांसा दिया। उसने कहा कि वर्क परमिट वीजा के लिए 29 लाख रुपए लगेंगे। उसने कनाडा में अपने संपर्कों का हवाला देते हुए जल्द वीजा दिलाने का वादा किया। इसके बाद अगस्त 2019 में फाईल जमा करवाने के लिए मुझे मुंबई बुलाया गया और 60 हजार रुपए अपने खाता में ट्रांसफर करने के लिए कहने लगा। इस तरह से फंसा पीड़ित पीड़ित ने 26 अगस्त 2019 को 60 हजार रुपए उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए । इस प्रकार पीड़ित व्यक्ति उनके चंगुल में पूरी तरह से फंस गया और शातिर ठगों ने उसे गुमराह करके वर्क परमिट वीजा पर कनाड़ा भेजने के नाम पर 29 लाख रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दे दिया। पीड़ित की शिकायत पर थाना सदर सिरसा में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि जांच के दौरान स्पेशल स्टाफ की एक पुलिस टीम ने आरोपी सत्यकेतू शंकर को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी पहले से गिरफ्तार मामले में एक आरोपी सिराजुद्दीन अंसारी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियोग की जांच जारी है। पुलिस ने आमजन से भी आह्वान किया है कि स्टडी व वर्क वीजा का पत्राचार करते समय सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इमिग्रेशन सेंटर संचालकों से ही संपर्क करें।

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