हरियाणा में अंबाला के शहजादपुर में शनिवार को 10 मिनट के अंतराल में पति-पत्नी दोनों की मौत हो गई। पहले पति की जान गई। पति की लाश से लिपटकर रो रही पत्नी के भी प्राण निकल गए। घर में दोनों ही रहते थे। बेटी की शादी हो चुकी है, जबकि बेटा गुरुग्राम में एक कंपनी में मैनेजर है। रविवार को दोनों की एक साथ अंतिम विदाई होगी। बताया जा रहा है कि 75 वर्षीय वीरेंद्र नाथ जैन की तबीयत कुछ दिन से खराब चल रही थी। शुक्रवार को अस्पताल में दिखाकर घर लौटे थे। शनिवार सुबह उन्होंने पत्नी से कहा-अब पहले से अच्छा महसूस हो रहा है। यह सुनकर 65 वर्षीय आशा रानी के चेहरे पर कुछ चमक आ गई। दोपहर में अचानक वीरेंद्र नाथ की तबीयत बिगड़ने लगी और संभल नहीं पाए। पति के शरीर में हलचल नहीं हुई तो आशा रानी उनसे लिपटकर रोने लगी। 10 मिनट बाद वो निढाल हो गई। बाद में दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। देसी क्लिनिक चलाते थे वीरेंद्र नाथ
आसपास के लोगों ने बताया कि वीरेंद्र नाथ जैन देसी क्लिनिक में काम करते थे। लोग उन्हें सम्मान से डॉक्टर कहते थे। वह अकसर सर्दियों में बीमार हो जाते थे। उन्हें शुगर की भी शिकायत थी। इस बार भी सर्दी शुरू होते ही उनकी दिक्कत बढ़ गई थी। एक दिन पहले ही डॉक्टर को दिखाया था। 2 बजे पति ने आखिरी सांस ली, 10 मिनट में पत्नी की जान गई
बताया जा रहा कि दोपहर में करीब 2 बजे अचानक वीरेंद्र नाथ के शरीर में हलचल बंद हो गई। पत्नी आशा दौड़ी हुई आईं और पति के साथ लिपटकर जोर-जोर से रोने लगी। 10 मिनट बाद ही उनके भी प्राण निकल गए। उस वक्त उनका कोई अपना पास नहीं था। बेटी की शादी हो चुकी, बेटा गुरुग्राम में मैनेजर
परिवार की जानकारी के अनुसार वीरेंद्र नाथ जैन के 2 बच्चे हैं। एक बेटा और एक बेटी। बेटी की शादी हो चुकी है। बेटा गुरुग्राम में एक कंपनी में मैनेजर है। शनिवार शाम तक पति-पत्नी के शव घर पर ही रखे थे। परिजन ने बताया कि दोनों का अंतिम संस्कार रविवार को एक साथ किया जाएगा। पड़ोसी बोले- दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रहते थे
आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि दोनों को एक-दूसरे से काफी लगाव था। एक-दूसरे के बिना नहीं रहते थे। जब कभी पत्नी आंखों से ओझल होती तो पति बेचैन हो जाते थे। घर में दोनों ही थे। एक-दूसरे का मन लगाने के लिए भजन भी गाते रहते थे। परिजन ने दोनों शवों का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया है। हालांकि, लोगों का अनुमान है कि पत्नी की मौत हार्ट अटैक से हुई होगी।