अमृतसर में 328-श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप लापता:SIT गठित, FIR 168 की जांच , पंजाब सरकार ने कार्रवाई तेज की

पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 लापता पवित्र स्वरूपों से जुड़े मामलों की जांच को तेज करने के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। यह टीम पंजाब के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन द्वारा गठित की गई है और पुलिस कमिश्नर अमृतसर, गुरप्रीत सिंह भुल्लर की निगरानी में काम करेगी। SIT का काम 7 दिसंबर 2025 को दर्ज FIR नंबर 168 के तहत दर्ज मामलों की जांच करना है। यह केस अमृतसर के पुलिस स्टेशन ‘C’ डिवीजन में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 295, 295-A, 120-B, 409 और 465 के तहत दर्ज किया गया है। SIT के चेयरमैन जगतप्रीत सिंह, अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी टीम में शामिल SIT के चेयरमैन के रूप में एआईजी विजिलेंस मोहाली, जगतप्रीत सिंह, पीपीएस को नियुक्त किया गया है। टीम में अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं, जिनमें डीसीपी (जांच) अमृतसर रविंदरपाल सिंह संधू, अतिरिक्त डीसीपी अमृतसर हरपाल सिंह संधू, एसपी/डी पटियाला गुरबंस सिंह बैस, एसीपी लुधियाना बेअंत जुनेजा और एसीपी/डी अमृतसर हरमिंदर सिंह शामिल हैं। आवश्यकता पड़ने पर अन्य पुलिस अधिकारियों को भी SIT में जोड़ा जा सकेगा। इस FIR में कुल 16 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें एसजीपीसी के 10 प्रमुख सदस्य शामिल हैं। इनमें डॉ. रूप सिंह (पूर्व मुख्य सचिव), मंजीत सिंह (धर्म प्रचार समिति पूर्व सचिव), गुरबचन सिंह, सतिंदर सिंह, निशान सिंह, परमजीत सिंह, गुरमुख सिंह, जुझार सिंह, बाज सिंह और दलबीर सिंह शामिल हैं। इसके अलावा कमलजीत सिंह, कुलवंत सिंह, जसप्रीत सिंह, एक अन्य गुरबचन सिंह, एक अन्य सतिंदर सिंह और अमरजीत सिंह का नाम भी FIR में शामिल है। SIT का गठन निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए SIT का गठन इस बात का संकेत है कि पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चोरी हुए पवित्र स्वरूपों की जांच निष्पक्ष, गहन और पारदर्शी तरीके से हो, ताकि धार्मिक संस्थाओं और श्रद्धालुओं का विश्वास बना रहे और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। 328 पवित्र स्वरूपों के मामले में जमानत खारिज, अदालत ने बेल आवेदन ठुकराए यह FIR भाई बलदेव सिंह वडाला, भाई बलदेव सिंह सिरसा और अन्य लोगों की शिकायत पर दर्ज की गई थी। आरोपियों ने इसके बाद जमानत (बेल) के लिए आवेदन दायर किए, जो अमृतसर की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह की अदालत में लंबित थे। हाल ही में इस मामले में अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह फैसला 20 दिसंबर 2025 को सुनाया गया। राज्य की ओर से इस मामले की पैरवी अमृतपाल सिंह खेहरा, जिला अटॉर्नी प्रॉसीक्यूशन अमृतसर, और अमरपाल सिंह, जिला अटॉर्नी लीगल अमृतसर ने की।

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