भारतीय जनता पार्टी ने पठानकोट के विधायक अश्वनी शर्मा को वर्किंग प्रेसिडेंट नियुक्त किया है। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं, प्रधान पद की जिम्मेदारी सुनील जाखड़ संभाल रहे हैं। इससे पहले भी शर्मा प्रधान पद रह चुके हैं। यह नियुक्ति ऐसे समय हुई, जब भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान का चयन होना है। पंजाब में विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं। ऐसे में बीजेपी की तरफ से संगठन को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। जैसे अश्वनी शर्मा की नियुक्ति हुई है, उससे यह साफ है कि जाखड़ पहले की तरह पद पर बने रहेंगे। साथ ही अश्वनी शर्मा उनके सहयोगी के रूप में काम करेंगे। 17 जनवरी 2020 से लेकर 4 जुलाई 2023 तक अश्वनी शर्मा पंजाब बीजेपी के प्रधान पद पर रहे थे। उनकी अगुआई में ही अकाली दल के साथ गठबंधन टूटने के बाद 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया था, जिसमें पार्टी दो सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हुए शामिल
जानकारी के मुताबिक, अश्वनी शर्मा के पास राजनीति का पुराना तजुर्बा है। वह पार्टी के टकसाली नेताओं में से एक हैं। अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ उनका तालमेल बहुत अच्छा है। वह दो बार प्रधान रह चुके हैं। अचानक 4 फरवरी 2023 को सुनील जाखड़ को प्रधान नियुक्त किया गया था। जैसे ही यह फैसला आया, उसके बाद वह वहां से निकल गए थे। उन्होंने करीब 15 दिन की छुट्टी ले ली थी। हालांकि, पार्टी ने उन्हें संतुष्ट करने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर लिया था। सुनील जाखड़ ने दिया प्रधान पद से इस्तीफा
पंजाब भाजपा ने अकाली दल से अलग होकर 2024 में प्रधान सुनील जाखड़ की अगुवाई में 13 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन पार्टी को चुनाव में कोई जीत नहीं मिली। हालांकि, पार्टी के लिए यह बड़ी उपलब्धि थी कि वह वोट बैंक के मामले में तीसरे नंबर पर आ गई थी। इस नतीजे के तुरंत बाद, सुनील जाखड़ ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था। हालांकि, भाजपा हाईकमान ने उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से मंजूर नहीं किया था। इसके बाद, सुनील जाखड़ पार्टी की गतिविधियों से थोड़ी दूरी बनाकर चल रहे थे।