आलू के गिरते भाव से किसान परेशान:कुरुक्षेत्र में BKU अध्यक्ष चढूनी ने सीएम को लिखा लेटर, भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने की मांग

कुरुक्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन चढूनी (BKU) ने सफेद आलू को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री काे लेटर लिखा है। इस लेटर में BKU के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार से योजना के तहत आलू के गिरते भाव की वजह से किसानों के नुकसान की भरपाई करने की मांग रखी। चढूनी ने कहा कि हरियाणा की मंडियों में आलू के भाव में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। इससे सफेद आलू उत्पादक किसान गंभीर आर्थिक संकट में फंसता जा रहा है, लेकिन भावांतर भरपाई योजना को लागू नहीं किया गया। सफेद आलू योजना से बाहर उन्होंने कहा कि लाल आलू का भाव सफेद आलू से ज्यादा है, लेकिन मंडियों में आलू का औसत भाव दिखाया जा रहा है। इसी औसत के आधार पर सफेद आलू भावांतर भरपाई योजना से बाहर किया जा रहा है। इसका सीधा नुकसान सफेद आलू उत्पादक किसानों को उठाना पड़ रहा है। नहीं कट रहे गेट पास आरोप लगाया कि आलू की फसल मंडियों में आने के बावजूद पोर्टल पर किसानों ने पंजीकृत फसल का सत्यापन अभी तक पूरा नहीं किया। इस कारण ई-खरीद पोर्टल पर कोटा जारी नहीं हो पा रहा और मंडियों में ऑनलाइन गेट पास नहीं कट रहे। इससे किसान औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर है। कई मंडियों में गिर रहा भाव चढूनी ने बताया कि प्रदेश की अधिकांश मंडियों में सफेद आलू के भाव बहुत कम है। विशेषकर पंचकुला, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र की पिपली, शाहाबाद और बाबैन मंडियों में भाव लगातार गिर रहे हैं। ये भाव उत्पादन लागत से काफी नीचे हैं। आंदोलन की चेतावनी चढूनी ने कहा कि अगर सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया तो सफेद आलू उत्पादक किसानों को भारी नुकसान होगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और संबंधित विभागों की होगी। उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं हुआ तो संगठन को मजबूरन आंदोलनात्मक रास्ता अपनाना पड़ेगा। 600 से आधे हुए भाव पिपली मंडी में कुछ दिन पहले तक 600 रुपए प्रति क्विंटल आलू बिका था। कल का रेट 400 रुपए प्रति क्विंटल था, लेकिन आज का रेट 250 से 300 प्रति क्विंटल रह गया। अगर आलू का भाव और गिरा तो सफेद आलू उत्पादक किसान काफी ज्यादा नुकसान में चले जाएंगे। यूनियन ने सरकार को भेजी प्रमुख मांगें – लाल और सफेद आलू के लिए अलग-अलग भाव निर्धारण किया जाए।
– भावांतर भरपाई योजना की गणना वास्तविक मंडी विक्रय मूल्य के आधार पर हो।
– पोर्टल पर पंजीकृत आलू फसल का तत्काल सत्यापन कराया जाए।
– ई-खरीद पोर्टल पर कोटा जारी कर ऑनलाइन गेट पास व्यवस्था तुरंत बहाल की जाए।
– भावांतर भरपाई योजना को अविलंब लागू किया जाए।

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