इस साल सिर्फ 5 दिन लगेगी पटाखा मार्केट:इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट ने सौंपे अलाटमेंट लैटर; सोमवार डीसीपी ऑफिस में होगी वैरिफिकेशन

पंजाब के अमृतसर में इस बार भी पटाखा मार्केट सिर्फ 5 दिन ही सज पाएगी। जिला प्रशासन ने न्यू अमृतसर में पटाखा मार्केट को लगाने के आदेश दिए हैं। 1 अक्टूबर को डीसी कार्यालय की तरफ से स्टॉल अलाट करने के मकसद से ड्रा निकाले गए थे। जिनमें 10 पटाखा व्यापारियों का चयन किया गया, जिन्हें स्टॉल लगाने की अनुमति दे दी गई है। दिवाली की रात पटाखे सिर्फ दो घंटे चलाने की अनुमति दी गई है। इस अनुमति के अनुसार दिवाली की रात 8 से 10 बजे तक ही चलाए जा सकते हैं। जबकि क्रिसमस और नए साल पर ये पटाखे रात 11.55 से 12.30 बजे तक की फोड़े जा सकेंगे। इस साल न्यू अमृतसर में सिर्फ दिवस 10 स्टॉल लगाने की अनुमति दी गई है। पटाखों को बेचने की जगह पर उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। हर दुकानदार अपने स्तर पर पानी, आग बुझाने वाले सिलेंडर और रेत का इंतजाम करेगा। लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से भी वहां उचित प्रबंध किए गए हैं। वहीं, डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर ने पटाखों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं। सड़कों के किनारों और गलियों में पटाखों को बेचने पर रोक है। सोमवार को डीसीपी ऑफिस पहुंचेंगे पटाखा विक्रेता 1 अक्टूबर को लक्की ड्रा निकाले जाने के बाद इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट ने शुक्रवार को ही सभी को बुलाया था। इस दौरान आवेदकों को स्टॉल लगाने की अनुमति दे दी। इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन कर्मजीत सिंह रिंटू ने बताया कि हमारी तरफ से सर्टिफिकेट दे दिए गए हैं। हमारी तैयारियां भी पूरी हैं और विक्रेता अपने स्टॉल लगा सकता है। वहीं, डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर की तरफ से सोमवार सभी लाभार्थियों को अपने कार्यालय में बुलाया है। इस दौरान सभी विजेताओं का सर्टिफिकेट दे दिए जाएंगे। खड़ी रहेंगी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जिला प्रशासन की तरफ से पटाखा मार्केट के पास दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को खड़ा किया जाएगा। इसके अलावा जिला प्रशासन के अधिकारी अपने स्तर पर स्टालों में पटाखों की बिक्री पर निगरानी रखेंगे। सेहत विभाग की एक टीम भी वहां मौजूद रहेगी, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी के समय तुरंत कार्रवाई करके नुकसान को कम किया जा सके। जिसके नाम लाइसेंस, वही बेचेगा पटाखे जिला प्रशासन ने स्पष्ट हिदायत दी है कि जिसके नाम पर लाइसेंस जारी किया गया है, उसका दुकान पर रहना जरूरी है। दरअसल, प्रशासन के पास शिकायतें पहुंच रही थी कि जिनको टेंपरेरी लाइसेंस जारी किया गया, वह अपना खोखा ज्यादा कीमत पर दूसरे लोगों को बेच देते हैं। प्रशासन ने इस बार स्टॉलों पर चेकिंग के लिए टीम बनाई है। यह टीम पटाखा स्टॉलों पर जाकर उनके लाइसेंस चेक करेगी और देखेगी कि पटाखे बेचने वाला व्यक्ति लाइसेंसधारक है कि नहीं। ग्रीन पटाखे पर्यावरण के लिए जरूरी पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर के बिना बनाए गए पटाखों को ग्रीन पटाखे कहा गया है। इन पटाखों को स्वास और स्टार नाम दिया गया है। इन केमिकल के न होने से सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पीएम पार्टिकल में 30 से 35 प्रतिशत की कमी आएगी। इन पटाखों की ध्वनि पारंपरिक पटाखों के बराबर 105-110 डेसिबल ही होगी। पटाखे में एल्युमीनियम के स्थान पर मैग्नीशियम का इस्तेमाल किया गया है। इससे धुएं में 35 से 40 प्रतिशत तक की कमी आएगी। धमाका 110-115 डेसिबल के बीच ही होगा।

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