पटना के बाढ़ में ट्रैक्टर चालकों ने दो सगी बहनों को रौंदकर उनकी जान ले ली। घटना के बाद मृतक बच्चियों की मां बेसुध हालत में है। बार-बार बेहोश हो रही है। परिवार में चार बच्चियां थीं, जिनमें से सबसे बड़ी (8) और सबसे छोटी (1.5) की इस हादसे में मौत हो गई। बच्चियों के पिता प्रमोद कुमार मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। पिता का कहना है कि एक बेटी की लाश लेकर दूसरी बेटी के इलाज के लिए मदद मांगते रहे। 4 घंटे सड़क पर रखा था शव। पुलिस के सामने दबंग गोली मारने और गांव छोड़ने की धमकी दे रहे थे। परिवार का आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन ने उनकी मदद नहीं की। उनका कहना है कि समय पर उचित इलाज मिलता तो छोटी बच्ची को बचाया जा सकता था। बच्चियों को घसीटने के बाद मंदिर में ट्रैक्टर ने मारी टक्कर पिता प्रमोद ने बताया, ‘बच्ची शाम में घर के आगे खेल रही थी, चालक आपस में ट्रैक्टर चलाने को लेकर खींचातानी कर रहे थे। पहले ठेला पर बैठे लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। थोड़ी दूर आगे रॉन्ग साइड में जाकर सड़क किनारे खेल रही बच्चियों को कुचल दिया’। ‘बच्ची रौटर में फंसकर 20 फीट दूर तक घसीटाती चली गई, जिसके बाद दूसरी ओर मंदिर में टक्कर मारकर चालक ट्रैक्टर लेकर भागने का प्रयास किया, उससे थोड़ी दूर आगे और बच्चे आ रहे थे। सभी ने सड़क से नीचे भागकर अपनी जान बचाई, जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से एक चालक को पकड़ा गया। ‘चार घंटे तक शव सड़क पर पड़ा रहा, लेकिन मामले को लेकर पंचायत के मुखिया घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। गांव के ही दूसरे पक्ष के दबंग लोगों ने मेरे परिवार को गोली मारने की धमकी दी, पूरा परिवार दहशत में है’। बच्चियों के दादा सुरेश पासवान ने बताया कि वह अपनी पोतियों को पढ़ा-लिखाकर अच्छी नौकरी दिलाना चाहते थे। वे मजदूरी करके बच्चियों को सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में पढ़ा रहे थे। उन्होंने कहा कि इस घटना में प्रशासन से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। चाचा बोले- पैसे के अभाव में इलाज नहीं मिलने से गई जान चाचा मुकेश कुमार ने बताया कि जब डॉक्टर ने एक बच्ची को मृत घोषित कर दिया, तो उसे गांव लाकर सड़क पर रख दिया गया। दूसरी बच्ची को पीएमसीएच रेफर किया गया था। उनका कहना है कि पैसों के अभाव के कारण उस बच्ची को भी नहीं बचाया जा सका। परिजन बोले- पुलिस के सामने दबंगों ने गोली मारने की धमकी दी परिजन के मुताबिक, परिवार ने इलाज के लिए पैसे मांगने के लिए सड़क जाम कर दिया था, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। चार घंटे बीत जाने के बाद दूसरी बच्ची की भी मौत हो गई। पुलिस के सामने ही दबंगों ने गोली मारने और पूरा गांव खाली करवाने की धमकी दी। दादी ने बताया कि नशे में आए चालक ने उसकी जान ले ली। बड़ी बच्ची स्कूल से पढ़कर आई थी, जिसके बाद कपड़े बदलकर वह अपनी बहन के साथ खेल रही थी। एएसपी राकेश कुमार के अनुसार मामले में एफआईआर दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों के अनुसार, गांव के दोनों ओर सड़क पर ब्रेकर लगे थे, लेकिन नीतीश कुमार के कार्यक्रम के समय उन्हें हटा दिया गया था। इस वजह से वहां गाड़ियां तेज गति से चलती हैं।