एसजीएल अस्पताल में लगाया कैंप

जालंधर| लोग सेवा के क्षेत्र में सक्रिय बाबा कश्मीरा सिंह जन सेवा ट्रस्ट की ओर से एसजीएल सुपर स्पेशियलिटी चैरिटेबल अस्पताल, जालंधर में मुफ्त लीवर जांच कैंप लगाया गया। इस कैंप का उद्घाटन अस्पताल के वाइस चेयरमैन और सीईओ मनिंदरपाल सिंह रियाड़ ने किया। कैंप के दौरान 225 से ज्यादा मरीजों ने हैपेटाइटिस बी, हैपेटाइटिस सी और फाइब्रोस्कैन के जरिए अपनी मुफ्त जांच करवाई। इस मौके पर अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मुकुल चोपड़ा, पेट और लीवर रोग विशेषज्ञ डॉ. दिशा स्याल और अन्य मेडिकल टीम भी मौजूद रही। इस कैंप का मकसद लोगों को लीवर से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूक करना, समय पर जांच कराना और मुफ्त इलाज की सुविधा देना था। अस्पताल की ओर से भविष्य में भी ऐसे कई और मुफ्त स्वास्थ्य कैंप लगाने की योजना है, ताकि हर वर्ग तक उचित इलाज पहुंच सकें। जालंधर | सीएसएस संस्था की ओर से ‘पनेशिया’ अस्पताल के सहयोग से स्थानीय होटल में संगोष्ठी करवाई गई। संगोष्ठी में अस्पताल की एमडी और कॉस्मेटिक गायनी स्पेशलिस्ट डॉ. गगनजोत कौर ने बतौर गेस्ट स्पीकर शामिल होकर सीएसएस के सदस्यों को गर्भवती महिलाओं में डिलीवरी के लिए ‘वॉटर बर्थ’ के लगातार बढ़ रहे चलन और गर्भवती महिलाओं को इससे होने वाले फायदों से अवगत कराया। एस बीच उन्होंने महिलाओं में कॉस्मेटिक गायनी के प्रति बढ़ रहे रुझान के बारे में भी सबको विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि ‘वॉटर बर्थ’ यानी पानी में जन्म लेना एक ऐसा विकल्प है, जो इन दिनों महिलाओं को आकर्षित कर रहा है। यह एक ऐसा तरीका है, जिसमें महिला पानी में बैठकर अपने बच्चों को जन्म देती है, जिससे उन्हें दर्द और तनाव कम महसूस होता है। डॉ. गगनजोत ने बताया कि पनेशिया अस्पताल में वॉटर बर्थ की सुविधा उपलब्ध है और बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं की वॉटर बर्थ से डिलीवरी संभव हो सकी है। कॉस्मेटिक गायनी से योनि की जकड़न को बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह के प्रोसीजर (लेजर थेरेपी या सर्जरी) किए जाते हैं। संगोष्ठी के आखिर में संगठन के पदाधिकारी ने गेस्ट स्पीकर डॉक्टर गगनजोत कौर और अन्य डॉक्टर को सम्मानित किया। इस बीच डॉ. अश्वनी सॉरी के धन्यवाद ज्ञापन के बाद यह संगीत सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। इस मौके पर अस्पताल के एमडी अमित जैन, डॉ. भरत गुप्ता, डॉ. पुनीत पसरीचा, डा. सुरजीत कौर, डॉ. वीपी शर्मा, डॉ. नवीन खन्ना, डॉ. बेदी, डॉ. आरुष पसरीचा, डॉ. सीमा पसरीचा मौजूद रहे।

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