ऑपरेशन सिंदूर पर बोले उप सेनाप्रमुख- एक बॉर्डर, तीन दुश्मन:चीन ने हमें हथियारों की टेस्टिंग लैब समझा; तुर्कीए ने ड्रोन देकर पाकिस्तान की मदद की

डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने शुक्रवार को ऑपरेशन सिंदूर से सीखे गए कई महत्वपूर्ण सबक बताए। उन्होंने कहा- यह एक ऐसा संघर्ष था जिसने मॉडर्न वॉरफेयर की कठिनाइयों को उजागर किया। डिप्टी COAS ने पाकिस्तान-चीन गठबंधन को स्वीकार किया। वे बोले- हमारी एक सीमा थी और दुश्मन तीन। पाकिस्तान मोर्चे पर था, चीन हरसंभव मदद कर रहा था। तुर्की ने भी बेराकटर समेत दूसरे ड्रोन दिए। डिप्टी COAS बोले- पाकिस्तान के पास 81% सैन्य हार्डवेयर चीनी है। DGMO लेवल पर बातचीत के दौरान पाकिस्तान को हमारे महत्वपूर्ण वेक्टरों के लाइव अपडेट मिल रहे थे। इसलिए हमें मजबूत एयर डिफेंस चाहिए। लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह नई दिल्ली में फिक्की के ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीस’ इवेंट में डिप्टी COAS ने मिलिट्री ऑपरेशन्स के दौरान एयर डिफेंस और टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट के बारे में बताया। पिछले युद्धों की तरह दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकते थे लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने आतंकी ढांचे पर सटीक हमले करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की भी तारीफ की। साथ ही टारगेट चुनने, प्लानिंग करने के अलावा रणनीतिक संदेश, टेक्नोलॉजी और ह्यूमन इंटेलीजेंस के इस्तेमाल के बारे में भी बताया। ऑपरेशन सिंदूर से कुछ सबक मिले हैं। लीडरशिप का संदेश साफ था। जिस तरह से हमने कुछ साल पहले बर्दाश्त किया, उस तरह से दर्द को सहने की कोई गुंजाइश नहीं थी। टारगेट की प्लानिंग और सिलेक्शन बहुत सारे डेटा पर बेस्ड था। इसलिए कुल 21 टारगेट की पहचान की गई, जिनमें से 9 को निशाना बनाना समझदारी समझी गई। लास्ट मोमेंट पर इन नौ लक्ष्यों पर निशाना लगाने का फैसला लिया गया। अगली बार के लिए तैयार रहना होगा डिप्टी COAS बोले- पूरे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयर डिफेंस और उसका ऑपरेशन कैसे हुआ, यह बेहद अहम था। इस बार, हमारे पॉपुलेशन सेंटर पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अगली बार, हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।

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