औरंगाबाद के मॉडल अस्पताल का दर्जा प्राप्त सदर हॉस्पिटल में कैंसर के बाद अब बायोप्सी जांच की भी सुविधा उपलब्ध है। इससे पहले लोगों को जांच के लिए पटना या दूसरे महानगर में जाना पड़ता था। यहां नवंबर 2022 से कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू हुई थी। अब तक 21 महीने में 36 मरीजों में कैंसर की पुष्टि हो चुकी है। नई बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर एनसीडी क्लिनिक में जांच की सुविधा है। यहां ओरल, ब्रेस्ट और सर्विक्स कैंसर( गर्भाशय ग्रीवा कैंसर) की जांच की जाती है। अप्रैल 2025 तक 34,476 लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। इनमें 12,422 पुरुष और 22,054 महिलाएं शामिल हैं। ओरल कैंसर की जांच में 1,208 लोग संदिग्ध पाए गए। इनमें 134 को उच्च जोखिम वाली श्रेणी में रखा गया। 11 मरीजों में ओरल कैंसर की पुष्टि हुई है। ब्रेस्ट कैंसर की जांच में 8,305 महिलाओं की स्क्रीनिंग हुई। इनमें 20 को संदिग्ध और 16 को उच्च जोखिम वाली श्रेणी में रखा गया। छह महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि हुई है। सर्विक्स की जांच में 1,443 महिलाओं की स्क्रीनिंग हुई। इनमें 194 को उच्च जोखिम में रखा गया। 7 महिलाओं में सर्विक्स कैंसर की पुष्टि हुई। मुंह के कैंसर की जांच एनसीडी विभाग के प्रभारी डॉ. अजितेश कुमार ने बताया, ‘रिपोर्ट मिलने के बाद तुरंत इलाज शुरू किया जाता है। इलाज पूरी तरह से मुफ्त है। अभी 22 मरीजों का इलाज चल रहा है। तीन पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। ब्रेस्ट कैंसर के लिए सीनियर कंसल्टेंट नहीं हैं, लेकिन ओरल कैंसर का बायोप्सी यहां कराया जाता है। गर्भाशय के मुंह के कैंसर की भी जांच की सुविधा उपलब्ध है। गायनी ओपीडी में नर्सेज और डॉक्टरों के द्वारा कराया जाता है। कैंसर लाइलाज नहीं है। समय पर पहचान और इलाज से मरीज ठीक हो सकते हैं। कुछ मरीजों को कीमो और रेडिएशन के 25 से 30 चक्र तक इलाज की जरूरत पड़ती है। अस्पताल में पेशेंट नेविगेटर की व्यवस्था है। ये मरीजों के घर जाकर हालचाल लेते हैं और इलाज की जानकारी देते हैं। लोगों से जांच कराने की अपील जानकारी के मुताबिक ज्यादातर केस ग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं। पुरुषों में ओरल और महिलाओं में ब्रेस्ट व सर्विक्स कैंसर के मामले अधिक हैं। जागरूकता की कमी है। गुटखा, खैनी, धूम्रपान, शराब के सेवन से मुंह का कैंसर होता है। मुंह में तीन हफ्ते से ज्यादा समय तक छाले या जख्म रहना, मुंह न खुलना इसके लक्षण हैं। स्तन में गांठ होना ब्रेस्ट कैंसर का संकेत है। महिलाओं को अधिक दिनों तक धात गिरने की समस्या हो तो सर्विक्स कैंसर की जांच करानी चाहिए। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है, ‘कैंसर का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। लेकिन शुरुआती स्टेज में पहचान हो जाए तो इलाज संभव है। मरीज के बचने की संभावना 99% तक होती है। थर्ड और फोर्थ स्टेज में परेशानी बढ़ जाती है। इसलिए समय पर जांच जरूरी है। अस्पताल में स्क्रीनिंग की सभी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध हैं। अधिक से अधिक लोग आकर जांच कराएं।