सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने कोडीन कफ सिरप मामले में CM योगी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- CM योगी अपने गुनाहों को छिपाने और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को बचाने के लिए अनावश्यक रूप से बात कर रहे हैं। CM योगी को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। आगरा में दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए सपा सांसद ने कहा-उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म देखकर बुलडोजर चलता है। जो पेशेवर अपराधी हैं…बड़े अपराधी हैं…दुर्दांत अपराधी हैं, उन पर बुलडोजर नहीं चलता। सपा सांसद ने कहा- दोषियों पर कार्रवाई नहीं, विपक्षी दलों के घेरने में लगे
सुमन ने कहा-उत्तर प्रदेश में यदि कोई गंभीर घटना होती है तो प्रदेश के मुख्यमंत्री को उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। ये कफ सीरप का जो मामला है, वह बहुत गंभीर है। CM योगी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई के बजाय विपक्षी दलों को बेवजह घेरने में लगे हैं। अब पढ़िए CM योगी ने क्या कहा था
CM योगी ने 19 दिसंबर को कोडीन कफ सिरप मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर वार करते हुए कहा था-जिन माफिया के साथ उनकी तस्वीरें सामने आ रही हैं, स्वाभाविक रूप से अवैध लेन-देन में संलिप्तता भी सामने आएगी। जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सपा प्रमुख की स्थिति वही है…यही कसूर मैं बार-बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आइना साफ करता रहा। 19 दिसंबर को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले CM योगी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा-यह बात हर व्यक्ति जानता है कि प्रदेश के हर माफिया के संबंध सपा से रहे हैं। कफ सिरप मामले में STF और जिला पुलिस की कार्रवाई में पकड़े गए कुछ अभियुक्तों के संबंध में सपा से रहे हैं। सपा अपनी कार्यप्रणाली के लिए पहले से ही बदनाम और कुख्यात रही है। इस मामले में भी अपनी संलिप्तता उजागर होते हुए देखेगी। इस विषय पर पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम रूप से कुछ कहा जा सकेगा। जानिए कैसे कोडीन युक्त कफ सिरप के नेटवर्क का खुलासा हुआ अब पढ़िए, शुभम जयसवाल पर क्या आरोप हैं? ———————–
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अंग्रेजों के गुलाम थे RSS के लोग, गद्दारी की थी:सपा सांसद रामजीलाल सुमन बोले- राष्ट्रीय आंदोलन से संघ- BJP का संबंध नहीं सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने RSS और BJP पर एक बार फिर निशाना साधा है। सुमन ने कहा- ये अंग्रेजों के गुलाम थे। ये लोग गद्दार थे। देश की आजादी के आंदोलन से इनका कोई लेना देना नहीं था। जब हिंदुस्तान के क्रांतिकारियों को गोलियों से भूना जाता था या उनकी बर्बर पिटाई की जाती थी तो आरएसएस पीटने वालों का साथ देता था। पढ़ें पूरी खबर…