कबड्डी में करियर बनाने का सपना देखने वाला सिकंदर अब इस दुनिया में नहीं रहा। सोमवार रात पंजाब के अमृतसर में हुए हादसे में उसकी मौत हो गई। उसका शव लेने के लिए चाचा अमृतपाल सिंह मुक्तसर से अमृतसर पहुंचे। अमृतपाल सिंह खुद भी सदमे में हैं। उनका कहना है कि उनके भाई का पूरा परिवार उनकी आंखों के सामने उजड़ गया। उन्होंने बताया कि सोमवार रात को ही सिकंदर की मौत की खबर उन्हें मिली। उस वक्त सिकंदर की मां मनप्रीत कौर सोने की तैयारी कर रही थीं। जैसे ही उन्हें बताया गया कि सिकंदर नहीं रहा, वह बेहोश हो गईं। सिकंदर की दोनों बहनों ने मां को संभाला। करीब 7 साल पहले उसके पिता गोशा सिंह का निधन हो गया था। इसके बाद मां ने छोटे-मोटे काम और दिहाड़ी करके परिवार को संभालना शुरू किया।
उस वक्त सिकंदर करीब 10 साल का था। जब वह 15 साल का हुआ, तो उसने भी घर चलाने में मां का साथ देना शुरू कर दिया। मां को बोलता था कि अच्छा प्लेयर बनेगा
कुछ समय पहले कबड्डी में हाथ अजमाना शुरू किया। मां को बोलता था कि अच्छा प्लेयर बनेगा और उसके कभी काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन उसके व मां के सपने एक ही रात में उजड़ गए। ये कहानी सिर्फ सिकंदर की नहीं है। सिकंदर की तरह ही सतिंदर (हनी) भी अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी एक बहन है। जबकि गुरसिमरनदीप का एक भाई है, जो चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा है। मंगलवार सभी के पारिवारिक सदस्य अमृतसर में शवों को लेकर घूमते रहे। बाद दोपहर उनका पोस्टमॉर्टम हुआ और वे मुक्तसर के गांव बालमगढ़े के लिए रवाना हो गए। जानें घटना के समय क्या-क्या हुआ.. 545 करोड़ में ये BRTS प्रोजेक्ट शुरू हुआ
बीआरटीएस प्रोजेक्ट की शुरुआत 19 सितंबर 2013 को शुरू हुई थी। निर्माण कार्य 26 फरवरी 2015 को शुरू हुआ। बीआरटीएस की शुरुआत ट्रायल रन के रूप में हुई। दिसंबर 2016 में पहले फेज का उद्घाटन हुआ। 545 करोड़ में ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। 31 किमी मार्ग पर 55 बसें चलीं। आम वाहनों के लिए रास्ते तंग हो गए
28 जनवरी 2019 को पूर्ण रूप से इसे शुरू किया गया। अमृतसर में 46 किलोमीटर लंबा मार्ग बना, जो शहर के कई प्रमुख इलाकों को जोड़ता है। शुरू से ही इसका विरोध शुरू हो गया था। BRTS को तो रास्ता मिल गया, लेकिन आम वाहनों के लिए रास्ते तंग हो गए। 700 दिन भी ये प्रोजेक्ट सही से नहीं चल पाया
2019 में पूर्ण रूप से शुरू होने के बाद साढ़े 5 साल हो चुके हैं और लेकिन 700 दिन भी ये प्रोजेक्ट सही से नहीं चल पाया। बीते 2 साल दो महीनों में यह पूरी तरह से बंद है। दिसंबर 2024 में इसकी 5 बसों को चला, दोबारा एक प्रयास हुआ, जो विफल रहा। ढाई साल पहले MLA कुंवर ने उठाए थे सवाल
BRTS से अमृतसर की जनता त्रस्त हुई तो नार्थ से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने इसे लेकर मार्च 2023 में विधानसभा में सवाल उठाया था। कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने उस समय BRTS को रेगुलेट करने की मांग की थी। जिसमें तीन सवाल थे। पहला- इसे चला सकते हैं तो चलाओ। दूसरा- नहीं चला सकते तो बंद करो। तीसरा- सिटी की कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए बेहतर सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाया जाए। इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट में हुई धांधली की जांच की मांग भी रखी थी। साथ ही सवाल था कि क्या इस प्रोजेक्ट को लाने की जरूरत थी। उस समय विधायक इंद्रबीर सिंह निज्जर मंत्री थे और उन्होंने आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक उनके सवालों का जवाब नहीं आया। अलग रूट की जरूरत ही नहीं थी
कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की जरूरत थी या नहीं, ये जांच की बात है। देश के तीन बड़े शहरों में इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया। अमृतसर की सड़कें छोटी हैं। चंडीगढ़ में ये प्रोजेक्ट चल रहा है, लेकिन वहां बसों के लिए अलग से रूट नहीं है।