करनाल में कचरे के ढेर से मिला नवजात:घास काट रही महिला ने सुनी रोने की आवाज, प्लास्टिक बैग में था 3 दिन का बच्चा

करनाल में आज कचरे के ढेर में एक तीन दिन का नवजात बच्चा मिला है। उसे प्लास्टिक के कट्टे में बांधकर फेंका गया था। गांव की महिला जब खेतों में घास काट रही थी, तभी उसे किसी मासूम के रोने की आवाज सुनाई दी। जब उसने आवाज की दिशा में जाकर कट्टा खोला, तो अंदर नवजात को देखकर हैरान रह गई। उसने तुरंत पुलिस को कॉल किया और पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने बच्चे को करनाल के ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया। जहां उसे बेबी केयर वार्ड में रखा गया है। डॉक्टर उसके स्वास्थ्य की जांच कर रहे है।घटना करनाल के गांव भैणी खुर्द की है, जहां खेतों में बिटोड़े के पास लगे कचरे के ढेर में नवजात बच्चा मिला है। कचरे में दबा था बच्चा
सोमवार की शाम को महिला रीटा खेतों में घास काटने के लिए गई थी। उसे बिटोडों के पास से एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई थी। वह बिटोडे के पास गई तो कचरे के ढेर पर एक प्लास्टिक का कट्टा पड़ा हुआ था। जब कट्टा खोला तो उसमें ऊपर से कचरा डाला गया था और उसके नीचे नवजात रखा हुआ था। बच्चा लड़का है और महज दो-तीन दिन का लग रहा है। महिला की माने तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं कि बच्चा जीवित बच गया। महिला ने तुरंत शोर मचाया और आसपास के लोगों को मौके पर बुला लिया। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। घास काटने गई थी बहू
गांव के ग्रामीण रमेश ने बताया कि उनकी पुत्रवधु रीटा रोज की तरह घास काटने गई थी। जब उसने रोने की आवाज सुनी, तो वो पहले आसपास देखने लगी लेकिन कोई नजर नहीं आया। बाद में कट्टे से आवाज आने पर जब खोला गया तो नवजात देखकर सभी हक्के-बक्के रह गए। रमेश ने कहा कि यह एक बेहद शर्मनाक और घिनौना कृत्य है। कोई मां ऐसा कैसे कर सकती है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जांच अधिकारी मनजीत सिंह के नेतृत्व में टीम ने कट्टे से नवजात को बाहर निकाला और तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया। डॉक्टरों की टीम फिलहाल नवजात की निगरानी कर रही है और प्राथमिक जांच में उसकी हालत ठीक बताई जा रही है। पुलिस जांच अधिकारी मनजीत सिंह ने बताया कि यह एक गंभीर मामला है और अभी तक बच्चे की हालत सामान्य लग रहे है। गांव की महिला रीटा देवी के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह बच्चा किसका है और उसे यहां किसने और क्यों फेंका। आसपास के अस्पतालों व क्लीनिकों में जन्म से जुड़ी जानकारी जुटाई जा रही है।

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