करनाल सट्‌टा घर रेड केस में दावा:व्यक्ति बोला- गिरफ्तार 15-20 लोग निर्दोष; वे शराब-सिगरेट-टाइमपास को गए थे, सुनवाई आज

करनाल के घरौंडा में पुलिस द्वारा सट्टा घर पर की गई छापेमारी में नए मोड़ आ रहे हैं। 2 जुलाई की रात तेलु सिंह कॉलोनी में की पुलिस रेड में पकड़े गए 55 लोगों में से 15-20 के निर्दोष होने का दावा किया जा रहा है। मीडिया के कैमरे पर एक व्यक्ति ने बोला कि कुछ लोग वहां सट्‌टा खेलने नहीं, बल्कि सिर्फ शराब, सिगरेट या टाइमपास के लिए वहां पहुंचे थे। पुलिस ने मामले में 51 लोगों को जेल भेजा गया हे, वहीं 4 को रिमांड पर लिया था। पत्रकारों से बातचीत करते हुए, व्यक्ति ने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर कहा कि घरौंडा में पहले सट्टा साई मंदिर रोड पर चलता था। फिर डिंगर माजरा रोड पर और अब तेलु सिंह कॉलोनी में बुक लग रही थी। इसके अलावा हसनपुर रोड की एक बिल्डिंग में भी लॉटरी के नाम पर फर्जी सट्टा चल रहा था। व्यक्ति ने सट्टे के कामकाज, बुकी की भूमिका और मुख्य आरोपी रिंकू को लेकर कई अहम बातें भी बताई हैं। साथ ही इस शख्स ने सीएम फ्लाइंग के डीएसपी के आरोपों की पुष्टि पर भी मुहर लगाने का काम किया और कहा कि प्रशासन के बिना तो कुछ होता ही नहीं। कैसे चलता है सट्टा, खोले राज
कैमरे पर आए नकाबपोश व्यक्ति ने खुलासा किया कि सट्टा ताश के पत्तों से खेला जाता है, इसको सट्टा नहीं बल्कि जुआ कहना ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि सट्टा थोड़ा अलग होता है। जुए में 1 से 13 नंबर तक के पत्ते होते हैं, जिन्हें खिलाड़ी अपने हिसाब से मांगते हैं, जैसे इक्का, दुग्गी, तीग्गी, छक्की, गुलाम, बेगम, बादशाह। एक बुकी (बुक चलाने वाला) होता है जो ताश के पत्तों को चलाता है। हर खिलाड़ी अपनी पसंद का पत्ता मांगता है और दांव लगाता है। अगर मांगा गया पत्ता खुलता है, तो खिलाड़ी को उसी समय पैसे मिलते हैं। अगर पत्ता नहीं खुलता तो पैसे वहीं देने पड़ते हैं। उसने यह भी कहा कि यह सट्टा भले ही गैरकानूनी है, लेकिन इसमें ‘ईमानदारी’ बहुत मायने रखती है। न उधारी होती है, न कोई चालबाजी। पैसे लेकर खेलो, जीतोगे तो तुरंत पैसा मिलेगा, हारोगे तो वहीं देना पड़ेगा। बुकी कैसे काम करता है, पहले कहां कहां चलता था सट्टा घर
शख्स ने बताया कि बुकी एक ऐसा व्यक्ति होता है जो कई लोगों से पैसे इकट्ठा करता है और साझेदारी में बुक चलाता है। वह ताश के पत्ते अपने हाथ में लेकर उन्हें लगातार घुमाता रहता है। खेलने वाले लोग उसे पत्ते बताते हैं-किसी ने अठ्ठी मांगी, किसी ने गुलाम, किसी ने छक्का। बुकी उसी हिसाब से दांव लगवाता है और पैसा देता या लेता है। उसने यह भी बताया कि यहां पानीपत, दिल्ली, करनाल, सोनीपत सहित कई शहरों से लोग खेलने के लिए आते थे। पहले साई मंदिर रोड पर बुक चला करती थी, फिर डिंगर माजरा रोड पर, अब तेलु सिंह कॉलोनी में थी। हसनपुर रोड पर एक लॉटरी के नाम पर चल रहा सट्टाघर भी था, लेकिन वो पूरी तरह फर्जी था। वहां अपने नंबर सेट कर दिए जाते थे, जिससे कोई भी खिलाड़ी जीत नहीं सकता था। रिश्तेदार भी गिरफ्त में, परिवार को नहीं थी जानकारी
नकाबपोश ने बताया कि उसके परिवार का एक सदस्य भी इस रेड में पकड़ा गया है जो फिलहाल जेल में है। उसे घर वाले यही समझते थे कि वह काम पर जाता है, लेकिन वह कभी-कभी जीतकर पैसे भी लाता था। परिवार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह सट्टा खेलने जा रहा है। शराब, सिगरेट और टाइमपास के चक्कर में कई निर्दोष फंसे
उसने दावा किया कि जो 55 लोग पकड़े गए हैं, उनमें से करीब 15 से 20 लोग ऐसे हैं जो सट्टा खेलने नहीं गए थे। कुछ सिर्फ दारू पीने, सिगरेट पीने, खाना खाने या टाइमपास करने गए थे। कुछ वेटर और रसोइये भी थे, जो दिहाड़ी पर रखे गए थे। कुछ लोग हरियाणा के निवासी भी नहीं थे, बाहर से मजदूरी करने आए थे और वहां केवल काम करते थे। उन्होंने कोई दांव नहीं लगाया था, फिर भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्य आरोपी रिंकू रोजाना ले जाता था 50 हजार रुपए
इस शख्स ने यह भी बताया कि जिस सट्टाघर पर रेड पड़ी, वहां पर एक रिंकू नाम का व्यक्ति रोजाना 50 हजार रुपए ले जाता था। यह बात बिल्कुल सच है। इसके अलावा बुक घाटे में चल रही थी क्योंकि कई लोग जीतकर पैसा लेकर जा रहे थे। लोगों की सेवा करने के लिए दिहाड़ी पर कर्मचारी रखे गए थे, जो बाहर से खाना, शराब, सिगरेट लाने का काम करते थे। जमानत याचिका पर आज होगी सुनवाई
पुलिस ने रेड के बाद चार लोगों को रिमांड पर लिया है और बाकी 51 को जेल भेजा है। इनमें से कई लोगों ने शनिवार को घरौंडा कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन जज छुट्टी पर थे। अब सोमवार को दोबारा कोर्ट में सुनवाई होगी, जिसमें बेल मिलने या न मिलने का निर्णय लिया जाएगा। बोले- जांच कमेटी बने, निर्दोषों को मिले राहत
कैमरे के सामने यह खुलासा करने वाले व्यक्ति ने कहा कि जुआ और सट्टा बर्बादी की ओर ले जाता है। समाज और आने वाली पीढ़ी को इससे दूर रहना चाहिए। साथ ही उसने एसपी करनाल से अपील की कि इस केस में एक निष्पक्ष जांच कमेटी गठित की जाए, ताकि जो लोग वास्तव में सट्टा खेल रहे थे, उन्हें सजा मिले, लेकिन जो निर्दोष हैं, उन्हें जल्द राहत मिले। घरौंडा में जिस तरह से यह पूरा नेटवर्क फैला हुआ था और जिस स्तर तक सट्टा कारोबार चल रहा था, उसने प्रशासन और समाज दोनों के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब नजर सोमवार की सुनवाई पर है, जहां यह तय होगा कि किसे जमानत मिलती है और किसे नहीं। हालांकि एसपी गंगाराम पुनिया ने भी स्पष्ट कर दिया है कि मामले की जांच की जाएगी और कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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