करनाल के बाबू मूलचंद जैन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में मंगलवार को एक वर्ग अनुदेशक पर पेंटर इंस्ट्रक्टर के साथ बदसलूकी के आरोप लगे हैं। मामला मुख्यालय तक पहुंचा तो हेडक्वार्टर ने तुरंत संज्ञान लेते हुए आरोपित वर्ग अनुदेशक को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर इसी वर्ग अनुदेशक द्वारा आईटीआई छात्र के साथ मारपीट का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिस पर प्रबंधन ने सफाई दी कि यह वीडियो पुराना है और आज की घटना से इसका कोई संबंध नहीं है। वहीं, 15 से 20 दिन पहले महिला वर्कशॉप अटेंड के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर भी कार्रवाई करते हुए हेडक्वार्टर ने आरोपी को सस्पेंड किया है और दोनों को हेड क्वाटर शिफ्ट कर दिया है। दोनों को नूंह भेजा गया है, जहां वे रिपोर्ट करेंगे और बिना वहां के प्रिंसिपल की अनुमति के स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे। कक्षा में पहुंचकर अनुदेशक से की बदसलूकी मामले की शुरुआत उस समय हुई जब पेंटर इंस्ट्रक्टर सुरेंद्र कुमार आईटीआई के कैंपस में अपनी ट्रेड के बच्चों से कैंपस की दीवारों पर स्लोग्न की पेंटिंग को ठीक करवा रहे थे, इसी दौरान वर्ग अनुदेशक मुकेश भारद्वाज वहां पर पहुंच गए, उन्होंने कहा कि आप सही तरीके से काम नहीं करवा रहे हो, जिस पर सुरेंद्र ने स्पष्ट किया कि वह सही तरीके से ही काम करवा रहा है और आप चिंता न करे, काम ठीक ही होगा। लेकिन इस पर मुकेश भारद्वाज थोड़ा नाराज हो गया और बहसबाजी शुरू कर दी। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच झड़प जैसी स्थिति बन गई। सुरेंद्र का आरोप है कि मुकेश ने न केवल उनके साथ हाथापाई की, बल्कि उनके साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और माहौल खराब किया। शिकायत पर तुरंत हुआ सस्पेंशन घटना के बाद इंस्ट्रक्टर सुरेंद्र ने अपनी शिकायत स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से हेडक्वार्टर तक पहुंचाई। मामले को गंभीरता से लेते हुए हेड क्वार्टर ने आरोपी वर्ग अनुदेशक मुकेश भारद्वाज को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर नूंह शिफ्ट कर दिया और विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए। प्रिंसिपल राकेश भाटिया ने बताया कि मुकेश भारद्वाज आईटीआई में सुपरवाइजर स्टाफ में GI (ग्रुप इंस्ट्रक्टर) हैं, जबकि सुरेंद्र कुमार पेंटर इंस्ट्रक्टर हैं। प्रिंसिपल ने बताया- दोनों के बीच बहस के बाद बिगड़े हालात प्रिंसिपल राकेश भाटिया ने बताया कि मंगलवार को दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई थी। सुनने में यह भी आया कि मुकेश भारद्वाज ने सुरेंद्र का कॉलर पकड़ लिया था। हालांकि इस बात की वे पूरी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र ने हेडक्वार्टर को अपनी शिकायत दी थी, जिस पर तत्काल एक्शन लेते हुए मुकेश भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया है और इन्हें नूंह भेज दिया है। पुराना वीडियो वायरल होने से फैली अफवाह घटना के बाद सोशल मीडिया पर आईटीआई में छात्र के साथ मारपीट का एक वीडियो भी वायरल हो गया, जिससे मामला और चर्चा में आ गया। प्रिंसिपल ने इस पर स्पष्ट किया कि यह वीडियो मौजूदा घटना से जुड़ा नहीं है। उन्होंने बताया कि यह पुराना वीडियो है, जो आज की घटना के बाद गलती से जोड़ दिया गया। उनका कहना था कि वे खुद 10 जुलाई 2024 को आईटीआई में शामिल हुए हैं, जबकि यह वीडियो उनके आने से पहले का है। वीडियो में मुकेश भारद्वाज काफी युवा दिख रहे हैं, जिससे यह साफ है कि यह पुराना फुटेज है। महिला कर्मी के साथ छेड़छाड़ पर भी हुआ एक्शन आईटीआई में कुछ दिन पहले महिला कर्मी वर्कशॉप एडें के साथ छेड़छाड़ का मामला भी सामने आया था। प्रिंसिपल भाटिया ने इस मामले में कहा कि इसमें मुकेश भारद्वाज का कोई रोल नहीं है और यह मामला पूरी तरह अलग है। यह घटना 15 से 20 दिन पहले की है, जिसमें परमजीत नामक कर्मचारी पर आरोप लगे थे, जो सहायक (क्लर्क के बाद सहायक बनता है) के पद पर है। शिकायत के बाद हेडक्वार्टर ने इस मामले में भी तुरंत एक्शन लेते हुए आज परमजीत को सस्पेंड कर दिया। सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी तक पहुंचा मामला महिला वर्कशॉप अटेंड की शिकायत पर मामला यौन शोषण कमेटी तक भी पहुंचा था। कमेटी की जांच के दौरान महिला ने बाद में आईटीआई प्रबंधन को ईमेल के माध्यम से सूचित किया कि वह डिपार्टमेंट की कार्रवाई से संतुष्ट है और आगे कोई एक्शन नहीं चाहती। इसके बाद महिला ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था। प्रबंधन ने कहा – तीनों मामले अलग-अलग समय के आईटीआई प्रशासन ने इस पूरे विवाद पर कहा कि सभी घटनाएं अलग-अलग समय पर हुई हैं। पेंटर इंस्ट्रक्टर और वर्ग अनुदेशक के बीच हुई झड़प हाल की घटना है, जबकि महिला कर्मी का मामला पहले का है और छात्र के साथ मारपीट वाला वीडियो पुराना है। प्रबंधन ने अपील की कि इन तीनों मामलों को एक-दूसरे से न जोड़ा जाए और गलतफहमी न फैलाई जाए। विभागीय जांच जारी, रिपोर्ट जल्द आएगी आईटीआई करनाल प्रबंधन के अनुसार, वर्ग अनुदेशक मुकेश भारद्वाज पर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। दोनों को नूंह भेजा गया है, जिनको आज ही यहां से रिलीव कर दिया है और कल उन्हें नूंह की आईटीआई में रिपोर्टिंग करनी है, वहां के प्रिंसिपल की अनुमति के बिना वे स्टेशन नहीं छोड़ सकते। जांच अधिकारी को मामले की रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं हेडक्वार्टर ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसी घटनाओं को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संस्थान में अनुशासनहीनता के मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।