कांगड़ा में बादल फटने के बाद टूरिस्ट घटे:होटल एसोसिएशन बोला- बुकिंग 40% घटी, वॉटरफॉल भी खाली हुए

कांगड़ा में बादल फटने के बाद टूरिस्टों की संख्या घट गई है। यह कहना है होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ कांगड़ा के अध्यक्ष अश्वनी बंबा का। धर्मशाला के धौलाधार की हसीन वादियों में मौसम ने अपना मिजाज बदल लिया है। बीते कुछ दिनों से जारी भारी बारिश और खनियारा के समीप सोकनी दा कोट क्षेत्र में हुई बादल फटने की घटना ने पर्यटकों के कदम थाम दिए हैं। आमतौर पर इन दिनों भरे रहने वाले भागसूनाग मंदिर और वॉटरफॉल जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल अब सूने-सूने नजर आ रहे हैं। स्थानीय व्यवसायियों और गाइड्स के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। बारिश ने न सिर्फ लोगों के आने-जाने को प्रभावित किया है, बल्कि होटल, होम स्टे और रेस्त्रां में बुकिंग भी 40% तक घट गई हैं। पर्यटक अब मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि कुछ ने अपनी बुकिंग रद्द कर वापसी की राह पकड़ ली है। हालांकि इस मायूसी के बीच 6 जुलाई को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का 90वां जन्मदिवस धर्मशाला के लिए एक बड़ी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर आया है। इस आयोजन में भाग लेने के लिए देश-विदेश से बौद्ध अनुयायियों का आगमन हो रहा है। मुख्य तिब्बती मंदिर और मैक्लोडगंज के आसपास की गलियों में इन दिनों धार्मिक उत्सव जैसा माहौल है। धार्मिक आयोजनों के चलते धर्मशाला के कई इलाकों में अस्थायी बाजार और सजावट देखने को मिल रही है। लेकिन यह रौनक भी सीमित समय के लिए है। 9 जुलाई से एक माह की लेह-लद्दाख यात्रा पर रवाना होंगे दलाई लामा
विश्वभर में शांति और करुणा के प्रतीक माने जाने वाले परम पावन दलाई लामा 9 जुलाई को एक माह की प्रस्तावित यात्रा पर लेह-लद्दाख के लिए रवाना होंगे। उनके जाने के बाद धर्मशाला की मौजूदा चहल-पहल में भी कमी आने की संभावना है। हर साल हजारों की संख्या में अनुयायी उन्हें सुनने और दर्शन करने धर्मशाला आते हैं, और उनके गैर-मौजूदगी में यहां की धार्मिक गतिविधियों की रफ्तार भी धीमी पड़ जाती है। खनियारा के पास बादल फटने की घटना के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। एसडीआरएफ की टीमों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है, जबकि स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बावजूद इसके, बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों में डर बना हुआ है। जहां एक ओर दलाई लामा के जन्मदिवस समारोह ने धर्मशाला को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय पटल पर चर्चा में ला दिया है, वहीं लगातार बारिश और आपदाओं के खतरे ने इस खूबसूरत हिल स्टेशन की पर्यटन रफ्तार को फिलहाल थाम दिया है।

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