पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु लंबे समय से कांग्रेस प्रदेश प्रधान अमरिंदर राजा वड़िंग से नाराज चल रहे हैं। आशु और वड़िंग के बीच मतभेद विधानसभा उपचुनाव के दौरान जगजाहिर हो गए। उपचुनाव हारने के बाद भारत भूषण आशु ने पॉलिटिकल गतिविधियों से दूरी बना ली। तीन दिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली में प्रियंका गांधी से मुलाकात की तो भारत भूषण आशु ने लुधियाना में पॉलिटिकली एक्टिव हो गए। भारत भूषण आशु के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से मतभेद हैं। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने आशु के हलके में पूर्व जिला प्रधान व चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवाड़ी के खासमखास पवन दीवान काे थापी देनी शुरू कर दी। राजा वड़िंग 2027 विधान सभा चुनाव तक आशु के सामने लुधियाना पश्चिमी विधानसभा हलके में पवन दीवान को एक सशक्त दावेदार बनाने में जुटे हैं। आशु ने दो तीन दिन से अपने हलके में राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी। वोट चोर कुर्सी छोड़ मुहिम के लिए बुलाई बैठक में शामिल नहीं हुए थे आशु कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पहले चंडीगढ़ और फिर लुधियाना के बचत भवन में बैठक बुलाई। इन दोनों बैठकों में आशु हाजिर नहीं हुए। बचत भवन वाली बैठक में तो कांग्रेस ने सभी हलका इंचार्जों और ब्लॉक प्रधानों को बुलाया था। आशु उसके बाद भी बैठक में नहीं पहुंचे। लेकिन शनिवार को आशु ने अपने हलके के ब्लॉक प्रधानों से वोट चोर कुर्सी छोड़ मुहिम के फार्म एकत्रित करके ऑब्जर्वर रमेश जोशी को जमा करवाए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सिद्धू सक्रिय हुए तो आशु के लिए होंगी मुश्किलें नवजोत सिंह सिद्धू और भारत भूषण आशु के बीच भी 36 का आंकड़ा रहा है। ऐसे में अगर नवजोत सिंह सिद्धू फिर से पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सक्रिय हुए तो आशु का एक और विरोधी गुट कांग्रेस में खड़ा हो जाएगा। जिससे आशु की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हलका लुधियाना पश्चिमी में समर्थकों के साथ की दो बैठकें भारत भूषण आशु ने अपने दफ्तर में हलका लुधियाना पश्चिमी के दो ब्लॉकों के कार्यकर्ताओं व नेताओं से बैठकें की। बैठक में पूर्व पार्षद, पार्षद का चुनाव लड़ चुके नेता व आशु के समर्थक शामिल हुए। आशु ने उन्हें हिदायतें दी कि सभी अपने अपने वार्ड में लोगों के साथ संपर्क बढ़ाएं और उनकी मूलभूत सुविधाओं से संबंधित समस्याओं को नगर निगम व अन्य दफ्तरों से हल करवाएं।