केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा नई सिक्योरिटी रिव्यू के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को दी गई वाई+ श्रेणी की सिक्योरिटी वापस लेने का प्रस्ताव दिया है। केंद्र की याचिका पर विचार करते हुए, जस्टिस कुलदीप तिवारी ने सुरजेवाला को अपना पक्ष रखने के लिए अथॉरिटी के समक्ष उपस्थित होने की अनुमति दे दी। पीठ ने निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता को अपने ऊपर लगातार बने खतरे की आशंका को साबित करने के लिए आवश्यक सभी एविडेंस प्रस्तुत करने का उचित अवसर दिया जाए। एविडेंस के लिए एक महीने का टाइम दिया जस्टिस तिवारी ने आदेश दिया, याचिकाकर्ता इस आदेश के पारित होने की डेट से एक महीने के भीतर संबंधित अथॉरिटी के सामने सभी डाक्यूमेंट प्रस्तुत करेगा और उसके बाद, याचिकाकर्ता को सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने के बाद, संबंधित प्राधिकारी शीघ्रता से निर्णय लेंगे। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अथॉरिटी द्वारा लिए गए निर्णय की एक प्रति अगली सुनवाई डेट 30 सितंबर को कोर्ट के सामने प्रस्तुत की जाए। सुरजेवाला ने CISF सिक्योरिटी मांगी थी सुरजेवाला ने खतरों के चलते सेंटर इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) सिक्योरिटी की मांग करते हुए 2016 में एक रिट याचिका दायर की थी। केंद्र द्वारा पूरे भारत में Y+ सुरक्षा कवर देने का फैसला करने के बाद, 2017 में हाईकोर्ट की एक कोर्डिनेशन पीठ ने मामले का निपटारा कर दिया था। याचिकाकर्ता की इस आशंका को ध्यान में रखते हुए कि सरकार बिना किसी कारण के और वास्तविक खतरे की धारणा का पता लगाए बिना सिक्योरिटी वापस ले सकती है, कोर्ट ने निर्देश दिया कि यदि सिक्योरिटी की श्रेणी बदलने की मांग की जाती है तो अदालत से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है। केंद्र की सिक्योरिटी रिव्यू में कोई खतरा नहीं मामले की दोबारा सुनवाई तब हुई जब केंद्र सरकार ने सीनियर पैनल वकील अरुण गोसाईं तथा अधिवक्ता स्वाति अरोड़ा और सौरव राव के माध्यम से सुरजेवाला को प्रदान की गई सुरक्षा वापस लेने की अनुमति मांगी। न्यायमूर्ति तिवारी ने कहा, भारत संघ के वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता ने दलील दी है कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा किए गए नए खतरे के आंकलन के अनुसार, याचिकाकर्ता के लिए किसी विशेष खतरे का संकेत नहीं मिलता है। गृह मंत्रालय ने याचिकाकर्ता को प्रदान की गई सुरक्षा वापस लेने का प्रस्ताव रखा है, और इसलिए सुरक्षा वापस लेने की मांग वाली याचिका दायर की गई है। सुरजेवाला ने जताई खतरे की आशंका सुरजेवाला की ओर से पेश हुए वकील जेएस तूर, आर कार्तिकेय और अधिराज तूर ने दलील दी कि याचिकाकर्ता को अभी भी खतरा बना हुआ है। इसलिए, वह संबंधित अधिकारियों के समक्ष पेश होना चाहते हैं और अपने दावे को पुष्ट करने के लिए सभी साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे। जस्टिस तिवारी ने आगे कहा, संबंधित पक्षों के वकीलों द्वारा प्रस्तुत दलीलों के मद्देनजर, यह न्यायालय याचिकाकर्ता को संबंधित प्राधिकारियों के समक्ष उपस्थित होने की अनुमति प्रदान करना उचित समझता है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता को अपने खतरे की आशंका को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक सभी प्रासंगिक सामग्री प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता है।