कुरुक्षेत्र में रिटायर्ड फौजी के बेटे-बहू की एकसाथ जली चिंता:हार्टअटैक से पति की मौत, 15 घंटे बाद पत्नी की, बेटे ने दी मुख्याग्नि

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रिटायर्ड फौजी के बेटे और बहू का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। पति की मौत के बाद पत्नी ने महज 15 घंटे के अंदर अपने प्राण त्याग दिए। पत्नी की मौत भी हार्ट अटैक से मानी जा रही है। पति-पत्नी की एक साथ मौत से परिवार में मातम पसरा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, तक दंपती की पहचान पिहोवा के अरुणाय गांव के रहने वाले नरेंद्र सिंह उर्फ बिट्‌टू (45) और करमजीत कौर (40) के रूप में हुई है। नरेंद्र सिंह गांव में पीर की दरगाह पर सेवा करते थे, जबकि उनकी पत्नी करमजीत कौर हाउस वाइफ थी। अचानक सीने में दर्द हुआ गांव के लोग नरेंद्र सिंह को प्यार से बिट्टू बाबा कहकर बुलाते थे। कल शनिवार दोपहर करीब 12 बजे अचानक बिट्‌टू के सीने में दर्द होने लगा। परिजन उसे तुरंत पिहोवा के प्राइवेट अस्पताल लेकर गए। यहां इलाज के दौरान नरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया, जिसकी सूचना रिश्तेदारों तक पहुंचा दी गई। रात को पत्नी ने त्यागे प्राण नरेंद्र की मौत से परिवार में मातम छा गया। कल रात होने की वजह से नरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। इसलिए आज उनका अंतिम संस्कार होना था, लेकिन अलसुबह सुबह करीब साढ़े 3 बजे घर पर नरेंद्र सिंह की पत्नी करमजीत कौर ने भी प्राण त्याग दिए। परिजन-रिश्तेदारों को नहीं हुआ यकीन परिजनों को एक बार भी यकीन नहीं हुआ कि करमजीत कौर की मृत्यु हो गई। वे उन्हें लेकर पिहोवा के प्राइवेट अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने करमजीत कौर की जांच कर मृत घोषित कर दिया। इस सूचना पर रिश्तेदारों को भी यकीन नहीं हुआ। पति-पत्नी के एक साथ चले जाने से गांव के लोग भी दुखी है। एक चिता पर किया अंतिम संस्कार आज गांव में दोनों का एक साथ एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे विशु ने दोनों की चिता को मुखाग्नि दी। नरेंद्र सिंह के पास 2 बेटियां सनूर और ट्विंकल हैं और दोनों की शादी हो चुकी हैं। वहीं उनके बेटे विशु के पास 3 बेटियां है। विशु पिहोवा में कपड़े की दुकान पर काम करता है। पिता आर्मी से रिटायर्ड नरेंद्र सिंह के पिता बलवंत सिंह आर्मी में कार्यरत थे। वे आर्मी से बतौर हवलदार रिटायर हुए थे। आर्मी से रिटायर होने के बाद बलवंत सिंह ने हरियाणा पुलिस फोर्स को जॉइन किया था। यहां से भी बलवंत सिंह हवलदार के पद से रिटायर हुए थे। करीब 10 साल पहले उनकी मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी सुरजीत की मौत उनसे पहले हो चुकी थी। 30 साल पहले गांव आया परिवार बलवंत सिंह का परिवार पहले गुरुग्राम में रहता था, लेकिन नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद करीब 25 साल पहले उनका परिवार अरुणाय गांव में आकर रहने लगा। उसके बाद परिवार यही पर बस गया। नरेंद्र और उसकी पत्नी की मौत से गांव के लोगों में सहानुभूति है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *