हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को दिल्ली मेट्रो में सफर किया। इसके लिए उन्होंने लाइन में लगकर खुद टोकन लिया और धौला कुआं स्टेशन से मेट्रो पकड़ी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कोई VIP सुविधा भी नहीं ली। इसके बाद धौला कुआं स्टेशन से द्वारका के यशोभूमि तक का सफर किया। उन्होंने मेट्रो में सवार यात्रियों से बातचीत कर उनके अनुभव भी जाने। मंत्री को अपने बीच देख लोग भी हैरान रह गए। उन्होंने भी खुलकर मंत्री से बातचीत की और अपनी बातें रखीं। सफर के दौरान मंत्रालय का स्टाफ भी उनके साथ रहा। यहां जानिए केंद्रीय मंत्री ने कैसे किया मेट्रो का सफर… कार्यक्रम में भाग लेने यशोभूमि पहुंचे थे मंत्री
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को द्वारका स्थित यशोभूमि में मंत्रालय के एक कार्यक्रम में शामिल होना था। इसके लिए उन्होंने मेट्रो का सफर किया। मंत्री अपने स्टाफ के साथ धौला कुआं मेट्रो स्टेशन पहुंचे। यहां लाइन में लग कर यशोभूमि तक का टोकन लिया। आम यात्रियों की तरह की मेट्रो में यात्रा
मंत्री मनोहर लाल बिना किसी VIP सुविधा के टोकन लेकर मेट्रो स्टेशन पहुंचे और लाइन में लगकर बाकायदा एंट्री की। सफर के दौरान उन्होंने न तो किसी तरह की विशेष सुरक्षा व्यवस्था ली, न ही किसी को असुविधा होने दी। उनका यह अंदाज देख मेट्रो में सफर कर रहे यात्री भी हैरान रह गए। यात्रियों के अनुभव जाने, खुद के भी बताए
धौला कुआं स्टेशन से द्वारका के यशोभूमि तक के सफर में उन्होंने मेट्रो यात्रा का अनुभव भी साझा किया और आम यात्रियों से बातचीत भी की। उनके साथ सफर कर रहे अधिकारियों ने बताया कि मंत्री का यह कदम सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और सिस्टम को करीब से समझने के उद्देश्य के लिए था। स्टाफ के साथ सफर, हर स्टेशन पर दिखी सादगी
मेट्रो यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री पूरी तरह सादगी में नजर आए। उन्होंने मेट्रो में बैठकर अपने स्टाफ के साथ मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर बातचीत भी की। यशोभूमि पहुंचने पर उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो देश की पहचान बन चुकी है और हर नागरिक को इसका अनुभव लेना चाहिए। संपत्ति को प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर चुके खट्टर
केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनी संपत्ति दान कर चुके हैं। उन्होंने रोहतक जिले के बनियानी गांव में स्थित अपनी संपूर्ण संपत्ति को प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिया था। इससे पहले वह मुख्यमंत्री रहते हुए अपना पुश्तैनी मकान गांव में ही पुस्तकालय बनाने के लिए दान कर चुके हैं। खट्टर इस कदम की पूरे देश में सराहना हुई। विभाजन के बाद मनोहर लाल खट्टर का परिवार पाकिस्तान से आकर रोहतक जिले के निदाना गांव में बस गया था। इसके कुछ समय बाद उनके परिवार को रोहतक जिले के बनियानी गांव में कुछ जमीन अलॉट हुई थी। उनके पिता हरबंस लाल ने गांव में एक छोटी सी दुकान कर ली और खेतीबाड़ी करने लगे। मनोहर लाल ने अपना पूरा जीवन संघ को समर्पित कर दिया और विवाह नहीं किया। उनके हिस्से में गांव में करीब 12 कनाल जमीन आई। जमीन के अलावा 1350 वर्ग गज में एक मकान बना हुआ है।