पंजाब के कोटकपूरा में एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का एक अस्थायी कर्मचारी दुकान से तंबाकू उत्पाद जर्दा लेते हुए सिख जत्थेबंदी के सदस्यों द्वारा रंगे हाथों पकड़ लिया गया। इस घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कर्मचारी को अपनी जेब से जर्दा निकालते हुए देखा जा सकता है। घटना तब सामने आई जब शिरोमणि खालसा पंचायत के पंच मनिंदर खालसा को कोटकपूरा चौक पर स्थित एक करियाना दुकान से SGPC कर्मचारी हरपिंदर सिंह को जर्दा खरीदते हुए देखा गया। शक होने पर जत्थेबंदी के सदस्यों ने मौके पर ही उसे रोका और उसकी तलाशी लेने पर जर्दा उसकी जेब से बरामद हुआ। वीडियो में कर्मचारी यह दावा करता नजर आ रहा है कि वह यह जर्दा किसी अन्य व्यक्ति के लिए ले जा रहा था। हालांकि जत्थेबंदी के सदस्य इस तर्क से संतुष्ट नहीं हुए और तुरंत इसकी सूचना गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर बलदेव सिंह को दी गई। SGPC ने शिकायत के बाद की कार्रवाई एसजीपीसी कर्मचारी की वीडियो के साथ जानकारी मैनेजर बलदेव सिंह को दी गई। जर्दा खाने वाले कर्मचारी की पहचान हरपिंदर सिंह के तौर पर हुई। जिसके बाद तत्काल प्रभाव से उसे ड्यूटी से हटा दिया गया। बलदेव सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि कर्मचारी अस्थायी रूप से गुरुद्वारा साहिब में कार्यरत था और जत्थेबंदी द्वारा सूचित किए जाने पर उचित कार्रवाई कर दी गई है। सिख जत्थेबंदी का सख्त रुख
शिरोमणि खालसा पंचायत समेत सिख संगठनों ने SGPC से मांग की है कि पवित्र धार्मिक स्थलों में कार्य करने वाले कर्मचारियों की नियमित जांच की जाए और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए।