पंजाब पुलिस की लेडी इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल फिर सुर्खियों में आ गई है। अर्शप्रीत ने 2 दिन पहले गुपचुप ढंग से मोगा की कोर्ट में सरेंडर किया। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया है। अर्शप्रीत पर 5 लाख रुपए लेकर नशा तस्कर छोड़ने का केस दर्ज हुआ था। इसके बाद वह 9 महीने अंडरग्राउंड रहीं। इससे पहले साल 2020 में वह पंजाब पुलिस की कोरोना वॉरियर रही। वह ड्यूटी करते हुए कोरोना की चपेट में आई थी। तब तत्कालीन CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अर्शप्रीत से बात की थी। हालांकि तस्कर छोड़ने के केस ने उसकी पूरी छवि मिट्टी में मिला दी। सबसे पहले जानिए, अर्शप्रीत कोरोना वॉरियर कैसे बनीं.. उस केस की कहानी, जिसमें अर्शप्रीत कौर फंसी DSP पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए
केस दर्ज होने के बाद इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी। अर्शप्रीत ने कहा कि DSP रमनदीप और SP बाल कृष्ण उससे रंजिश रखते हैं। जिसमें उसने DSP पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के भी आरोप लगाए। इसके लिए उसने 2 मामलों का हवाला दिया। हालांकि अधिकारियों ने उसके आरोपों को खारिज कर दिया था।