खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख और भारत द्वारा वांछित आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक विवादास्पद पत्र लिखने का दावा किया है। 30 जुलाई को भेजे गए इस पत्र में पन्नू ने न केवल भारत पर लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ का समर्थन किया है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीखी भाषा का प्रयोग किया है। पन्नू ने अपना एक वीडियो भी वायरल किया है, जो वाइट हाऊस के बाहर खड़े होकर बनाया गया है। इसमें वह अमेरिका में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों पर पहले से लगाए गए 25% टैरिफ का समर्थन कर रहा है, इसके साथ ही 500% टैरिफ लगाने की भी मांग की कर रहा है। पन्नू ने अपने पत्र में ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति का समर्थन करते हुए दावा किया कि भारतीय कंपनियों द्वारा अमेरिकी टेक्नोलॉजी, डेटा और नौकरियों पर घुसपैठ की जा रही है। उसने आरोप लगाया कि मोदी सरकार हिंदुत्व विचारधारा को वैश्विक स्तर पर फैलाने के लिए अमेरिकी कंपनियों में भारतीय आउटसोर्सिंग एजेंसियों का उपयोग कर रही है। पन्नू ने ट्रंप को भारत से अमेरिकी नौकरियां वापस लाने और भारत को टेक्नोलॉजी क्षेत्र से बाहर करने की बात भी कही है। PM मोदी और भारत पर गंभीर आरोप आतंकी पन्नू ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया गया कि उनकी सरकार अमेरिकी बाजारों में “सस्ते मेड इन इंडिया” उत्पादों से भर रही है। जिससे अमेरिकी नौकरियां खत्म हो रही हैं। पन्नू ने दावा किया कि ये कंपनियां अमेरिकी डेटा चुरा रही हैं और उनका इस्तेमाल सिख कार्यकर्ताओं पर नजर रखने और उन्हें निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है। 500% टैरिफ की मांग इतना ही नहीं, पन्नू ने मोदी सरकार पर अमेरिका में सिखों की हत्या की साजिश रचने, पुतिन के युद्ध को समर्थन देने, और हिंदुत्व आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसे आरोप भी लगाए। गुरपतवंत पन्नू ने ट्रंप को सुझाव दिया कि मोदी सरकार पर 500% टैरिफ लगाया जाए, जैसा कि सीनेटर लिंडसे ग्राहम के प्रस्ताव में कहा गया है। ताकि कथित भारतीय आक्रामकता और दमनकारी नीतियों की कीमत चुकाई जा सके। पन्नू ने यह भी बताया कि 17 अगस्त को वॉशिंगटन डी.सी के नेशनल मॉल में हजारों अमेरिकी सिख इकट्ठा होकर खालिस्तान जनमत-संग्रह में हिस्सा लेंगे। इस दौरान एक विशेष अरदास (सिख प्रार्थना) भी राष्ट्रपति ट्रंप के नाम की जाएगी। पन्नू की तरफ से भेजा गया खत-