खुलासे के पहले हुई थी गुंजन के आरोपी की हत्या:अब गोपल खेमका का मर्डर, 7 साल बाद भी बेटे के शूटर को नहीं पकड़ पाई पुलिस

20 दिसंबर 2018 को हाजीपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में बिजनेसमैन गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या हुई थी। वैशाली पुलिस की SIT ने पटना सिटी निवासी अभिषेक सिन्हा उर्फ मस्तू समेत 4 अपराधियों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, कुछ महीनों बाद ही मस्तू को कोर्ट से जमानत मिल गई और वो बाहर आ गया था। मस्तू की जब गिरफ्तारी हुई थी तब उसके परिवार ने कहा था कि गुंजन खेमका की हत्या में उसका कोई हाथ नहीं है। जेल से बाहर आने के बाद वो भी इस मामले में कुछ खुलासा करना चाहता था, लेकिन 18 दिसंबर 2021 की देर शाम पटना में ही बाइपास थाने के तहत छोटी पहाड़ी इलाके में मस्तू और उसके दोस्त की गोली मारकर अपराधियों ने हत्या कर दी। घटना के वक्त मस्तू अपने दोस्त सुनील और उसकी वाइफ के साथ मार्केटिंग के लिए कार से निकला था। छोटी पहाड़ी पर इनकी कार जाम में फंसी थी। उसी वक्त कार के पास पहुंचे अपराधी ने पहले मस्तू को गोली मारी थी और फिर उसके दोस्त को। उसकी हत्या के बाद वो खुलासा आज तक नहीं हो पाया जो गुंजन खेमका की हत्या मामले में करना चाहता था। वहीं अब गुंजन खेमका की हत्या के करीब 7 साल बाद उनके पिता और बिजनेसमैन गोपाल खेमका की 4 जुलाई की देर रात की गई हत्या ने इस मामले को और उलझा दिया है। मस्तू से लेकर खेमका की हत्या में वर्मा पर शक सूत्रों के अनुसार मस्तू की हत्या के बाद कुख्यात अपराधी अजय वर्मा पर परिवार से लेकर उस वक्त जांच में जुटी पुलिस टीम तक को शक हुआ था। उस वक्त कुल 4 लोगों के नाम सामने आए थे। अब गोपाल खेमका की हत्या के बाद भी शक की सुई अजय वर्मा के उपर ही घूम रही है। पिछले कुछ समय से अजय पटना के बेउर जेल में बंद है। संभावना है कि अंदर से ही गोपाल खेमका की हत्या की साजिश रची गई है। यही वजह है कि शनिवार को पटना पुलिस की टीम ने बेउर जेल में छापेमारी की। करीब डेढ़ घंटे तक जेल के अंदर छानबीन की गई। जेल सूत्रों के अनुसार अपराधी अजय वर्मा गंगा खंड में बंद है। पुलिस अधिकारी उस खंड में गए थे। वहीं पर खेमका की हत्या मामले में उससे पूछताछ की गई। वहीं इसके तीन साथियों से भी सवाल जवाब किए गए। बाप-बेटे के सामने हेलमेट आया एक अपराधी बात गुंजन खेमका के हत्या की हो या फिर उनके पिता गोपाल खेमका की। दोनों की हत्या में वारदात को अंजाम देने का अपराधी का पैटर्न बहुत मिलता है। जब हाजीपुर में फैक्ट्री के बाहर कार खड़ी थी और गुंजन अंदर जाने वाले थे तभी वहां पहले से घात लगाए एक अपराधी सामने आया और गोली मारकर उन्हें फरार हो गया। अपराधी ने उस वक्त हेलमेट पहन रखा था, जिससे उसका चेहरा छिपा रह गया। हाथ में उसने दास्ताना पहन रखा था। बड़े आराम से वो बाइक से फरार हो गया। आज तक पुलिस उस शूटर को नहीं पकड़ पाई। इसी तरह गोपाल खेमका घर के बाहर गेट पर पहुंचे तो हेलमेट पहना हुआ शूटर उनके कार के पास आता है और सिर में गोली मारकर फरार हो जाता है। पटना SSP से सवाल बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजधानी में बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हुई हत्या में किन लोगों का हाथ है ? हत्या के पीछे की वजह क्या है? क्या सच में बेउर जेल से साजिश रची गई? क्या इस हत्या में जेल में बंद अपराधी अजय वर्मा का हाथ है? इन सवालों को लेकर भास्कर ने सीधे तौर पर पटना SSP कार्तिकेय के शर्मा से सवाल पूछा। इस पर SSP ने कहा कि जांच जारी है और पूरी होने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। 14 बीघा जमीन ही तो कारण नहीं सोनपुर और हाजीपुर के बीच फोर लेन पर अपनी हत्या से पहले गुंजन खेमका ने 14 बीघा जमीन खरीदी थी। उनकी हत्या के पीछे इस जमीन को लेकर भू-माफियाओं और प्रॉपर्टी डीलर से हुए विवाद को बताया गया था। मस्तू भी प्रॉपटी डीलर के रूप में काम करता था। अब गोपाल खेमका की हत्या के पीछे की कोई ठोस वजह तो सामने नहीं आई है। पुलिस इसी एंगल पर अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। DGP विनय कुमार ने भी कहा कि हाजीपुर की पुलिस टीम गुंजन खेमका की हत्या से जोड़कर इस मामले की जांच कर रही है। यह पता किया जा रहा है कि उनकी हत्या में जो अपराधी पकड़े गए थे वो वर्तमान में कहां हैं ? CCTV से मिला क्लू, सोनपुर की तरफ भागे अपराधी हत्या के बाद एक्टिव हुई पटना पुलिस की टीम ने वारदात वाली जगह से अपनी जांच शुरू की। सूत्रों के अनुसार सबसे पहले CCTV के फुटेज को खंगाला गया। उसमें अपराधी अपनी गाड़ी से फ्रेजर रोड की तरफ जाते हुए दिखा। इसके बाद वो एसपी वर्मा रोड, आयकर गोलंबर, आर ब्लॉक होते हुए अटल पथ पहुंचा। फिर JP सेतु के रास्ते सोनपुर की ओर फरार हो गया। 3 से 4 की संख्या में हो सकती है अपराधियों की संख्या हत्या के बाद का जो फुटेज सामने आया था, उसमें एक ही अपराधी कार में बैठे गोपाल खेमका के पास जाते हुए दिखता है। वह गोली मारने के बाद अकेले ही भागता हुआ दिखता है, लेकिन ऐसा है नहीं। सूत्रों की मानें तो गोपाल खेमका के बांकीपुर क्लब से निकलने से लेकर उनके घर के बाहर पहुंचने तक में 3-4 अपराधी उन पर अपनी नजर रख रहे थे। जो अलग-अलग लोकेशन से अपने साथी को इंफॉर्म कर रहे थे। पुलिस की जांच में जो शुरुआती बातें सामने आई है, उसके अनुसार वारदात के दरम्यान अपराधियों की संख्या एक से अधिक थी। आशंका है कि ये सभी अलग-अलग गाड़ियों से थे और वारदात के बाद अलग-अलग रूट से फरार हो गए। गोपाल खेमका ने अपनी मर्जी से बॉडीगार्ड नहीं रखा : DGP DGP विनय कुमार ने कहा कि बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है। कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जांच चल रही है। कई बिंदुओं पर पटना पुलिस पड़ताल कर रही है। वैशाली पुलिस भी उनके बेटे की हत्या की जांच कर रही है। उस मामले में बेल पर छूटे हुए अभियुक्त को देख रही। CCTV देख रही है। डिजिटल एविडेंस कलेक्ट किए हैं। STF की 4 टीम लगी है। जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। DGP ने कहा कि 2018 में जमीन विक्रय को लेकर घटना हुई थी। इसमें भी व्यावसायिक कारणों को खोजा जा रहा है। लेन-देन को खंगाला जा रहा है। कोई गंभीर अपराध होता है तो हम लोग जेल में भी रेड करते हैं। अपराधी गेट पर घात लगाकर बैठा था। खेमका का 11.30 तक आना होता था। अपराधी को उनके आने-जाने के समय के बारे में जानकारी थी। उनको 2018 में बॉडीगार्ड दिया गया था, जब बेटे की हत्या हुई थी। 2024 तक बॉडीगार्ड था। पार्लियामेंट चुनाव के बाद उन्होंने अपनी मर्जी से बॉडीगार्ड नहीं रखा। सुबह बेटे को दो बॉडीगार्ड दिया गया है।

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