गयाजी में राहुल गांधी बनवा रहे दशरथ मांझी का घर:कांग्रेस नेता ने परिवार के साथ सत्तू पीने का किया था वादा, गृह प्रवेश में खुद आएंगे

गयाजी में पहाड़ काट कर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी के परिवार की जिंदगी अब बदल रही है। यह बदलाव किसी योजना या सरकार की वजह से नहीं हो रही है। बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पहल से हो रहा है। राहुल गांधी ने गहलौर गांव में दशरथ मांझी के बेटे भगीरथ मांझी के लिए पक्का घर बनवाने का जिम्मा खुद उठाया है। घर बन कर तैयार होने के बाद राहुल गांधी खुद गृह प्रवेश में आएंगे और परिवार के साथ सत्तू पीने का उन्होंने वादा भी किया हैं। पिछले महीने राहुल गांधी गया आए थे। उस दौरान उन्होंने दशरथ मांझी के परिवार से मुलाकात की थी। मिट्टी के घर में बैठ कर भगीरथ मांझी से बातें कीं थी। उन्होंने परिवार की स्थिति जानी। लेकिन तब उन्होंने कुछ नहीं कहा। गया से लौटने के कुछ दिन बाद उनके लोग गांव पहुंचे। घर का सर्वे किया और परिवार से पूछा कि कितने कमरे चाहिए। मांझी परिवार को तब भी अंदाजा नहीं था कि राहुल गांधी कुछ बड़ा करने जा रहे हैं। घर बनाने का काम हुआ शुरू कुछ दिन बाद सूचना आई कि राहुल गांधी खुद उनके लिए घर बनवा रहे हैं। फिर गांव में सासाराम के ठेकेदार और कारीगर पहुंचे और घर बनाने का काम शुरू हो गया। एक कट्ठा जमीन पर चार कमरों का पक्का घर बन रहा है। घर में बड़ा किचन और बाथरूम भी बनाया जा रहा है। प​​हले से बने आधे अधूरे दो पक्के कमरों के मकान को जोड़ कर बाकी कमरों का निर्माण तेजी गति से चल रहा है। छत की ढलाई हो चुकी है। अब बाउंड्री और फिनिशिंग का काम बाकी है। बताया जा रहा है कि घर में टाइल्स, मार्बल और बेड भी लगाए जाएंगे। लेकिन इस बात की पुष्टि फिलहाल नहीं ही सकी है। क्योंकि मौके पर न तो मार्बल है और न ही टाइल्स है। भगीरथ मांझी बताते हैं कि परिवार बड़ा है। पहले जो मिट्टी का घर था, वह छोटा पड़ता था। साल 2020 में सरकार की ओर से कॉलोनी भी मिली थी। दो कमरे का पक्का मकान बनवाया गया था पर उससे भी काम नहीं चला, क्योंकि परिवार बड़ा है। लेकिन अब राहुल गांधी जो घर बनवा रहे हैं। वैसा बनाने की हिम्मत वे सपने में भी नहीं कर सकते थे। अफसरों से लगाई थी गुहार भगीरथ कहते हैं कि हम गरीब लोग हैं। कई बार स्थानीय अफसरों से पक्का घर बनाने की गुहार लगाई थी। लेकिन, किसी ने नहीं सुना। कई नेता और अभिनेता घर आए। फोटो खिंचवा कर चले गए। लेकिन राहुल गांधी पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने बिना कहे हमारा घर बनवाने की जिम्मेदारी ली। भगीरथ मांझी कहते है कि यहां जीतन मांझी आए थे। वो आंगन में भी बैठे थे। लेकिन, उन्होंने घर नहीं बनवाया। मैंने जब जीतन राम मांझी से कहा कि पक्का मकान बनवा दीजिए, तो उन्होंने कहा था कि इसमें क्या दिक्कत है। घर नीतीश कुमार ने भी नहीं बनवाया। लेकिन, राहुल गांधी बनवा रहे हैं। वो गृह प्रवेश में भी आएंगे। मैंने राहुल गांधी से टिकट भी मांगा है। वो यहां टाइल्स भी लगवाएंगे। पहाड़ काट कर रास्ता बनाया था घर बना रहे कारीगर गोविंद कुमार ने बताया कि वे सासाराम से आए हैं। उनके ठेकेदार को राहुल गांधी के लोगों ने काम दिया है। उन्होंने बताया कि हम पहले दशरथ मांझी को ठीक से नहीं जानते थे, लेकिन सुना था उन्होंने पहाड़ काट कर रास्ता बनाया। अब उनके परिवार के लिए घर बना रहे हैं। सुना है कि राहुल गांधी गरीबों के भले के लिए काम करते हैं। जब गृह प्रवेश होगा तो हम भी राहुल गांधी से मिलने की इच्छा रखते हैं। भगीरथ मांझी ने कहा कि जब राहुल गांधी उनके घर आए थे, तब गर्मी बहुत थी। उन्होंने उनके लिए सत्तू और नारियल डाब रखा था। राहुल गांधी ने उस दिन डाव पिया था और मजाक में कहा था कि अगली बार गृह प्रवेश में सत्तू पीने आएंगे। सीएम से सम्मान मिलने के बाद नहीं बदले हालात भगीरथ मांझी कहते हैं कि उनके पिता दशरथ मांझी ने अपनी मेहनत और जिद से पहाड़ काटा, लेकिन उनका परिवार गरीबी से नहीं लड़ सका। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दशरथ मांझी को सम्मान जरूर दिया, लेकिन उनके परिवार की हालत जस की तस रही। हालांकि परिवार के कुछ सदस्य को आंगनबाड़ी से भी जोड़ा गया। दामाद मिथुन मांझी को बोधगया मंदिर मैनेजमेंट कमेटी का भी सदस्य बनाया रखा है। भगीरथ मांझी कहते हैं कि राहुल गांधी ने हमारी गरीबी को देखा। बिना मांगे घर दे दिया। हमें उम्मीद है वो भविष्य में हमारे इलाके की आवाज भी बनेंगे। डेढ़ महीने में घर बन कर होगा तैयार दशरथ मांझी के परिवार में उनके बेटे भगीरथ मांझी और बेटी लौंगी देवी के परिवार साथ रहते हैं। लौंगी देवी का देहांत हो चुका है। भगीरथ मांझी की उम्र 60 साल है और उनके दामाद मिथुन मांझी के साथ रहते हैं। उनके दामाद कहते हैं कि हमने कभी सोचा नहीं था कि राहुल गांधी ऐसा कुछ करेंगे। परिवार को अच्छे मकान की जरूरत थी, वो अब पूरी हो रही है। अगले एक से डेढ़ महीने में घर बनकर तैयार हो जाएगा।

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