गवर्नर से मिले फाइनेंस मंत्री चीमा:भाजपा शासित राज्यों में दलितों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया, सांसद चब्बेवाल समेत कई लोग साथ

आम आदमी पार्टी AAP के डेलिगेशन ने वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई में गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की हैं। इस मौके उनके द्वारा भाजपा शासित राज्यों में दलितों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया गया। उनके साथ सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, विधायक डॉ. सुखविंदर सिंह सुखी, डॉ. चरणजीत सिंह, मनविंदर सिंह ग्यासपुरा, गुरप्रीत सिंह जीपी, पवन कुमार टीनू, रॉबिन सांपला और बलजिंदर सिंह मौजूद रहे। चीमा ने मीडिया से मुलाकात में यह तीन बातें उठाई – 1.फाइनेंस मंत्री चीमा ने कहा कि हम गवर्नर से मिलकर आए हैं। जब से देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है, तब से अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं। मणिपुर में जो कुछ हुआ, वह सबने देखा है। सबसे दुखद बात यह है कि उनकी बहू-बेटियों के साथ रेप की घटनाएं हुई हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत जहां-जहां बीजेपी की सरकार है, वहां पर अत्याचार हुए हैं। 2.भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई। मौजूदा चीफ जस्टिस पर जूता फेंका गया । यह संविधान पर हमला था। उसके बाद, हरियाणा में एडीजीपी अधिकारी वाई. पूरण को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने अपने फाइनल नोट में पूरी कहानी लिखी और उसके बाद आत्महत्या कर ली। 3. वाई पूरन कुमार मामले में एफआईआर दर्ज करने में तीन दिन लगे। तीन दिन बाद ही एससी/एसटी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। दो बेटियों को आत्महत्या करनी पड़ी। नौ दिन से हरियाणा के डीजीपी खुलेआम घूम रहे हैं, क्योंकि उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि एससी/एसटी कानून में यह स्पष्ट है कि केस दर्ज होने के 48 घंटे के भीतर गिरफ्तारी होनी चाहिए। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों नहीं हो रहा है?

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