‘गांधी परिवार ने देश में आपातकाल लागू किया’:LU में इमरजेंसी के 50 साल कार्यक्रम, लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान हुआ

इमरजेंसी के दौरान में प्रेस और मीडिया का गला घोंटा गया। यातना की पराकाष्ठा हो गई थी। नागरिक अधिकारों का हनन किया गया। किसी को बोलने की आजादी नहीं थी। किसी को आने जाने की आजादी नहीं थी। संविधान की खुलेआम हत्या की गई। ये कहना था डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का। बुधवार को वो लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में एक निजी समाचार एजेंसी की तरफ से आयोजित ‘इमर्जेंसी के 50 साल’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ने कहा- भारत के लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। पर इसी लोकतंत्र को कठपुतली बनाकर तत्कालीन राष्ट्रपति को केवल संदेश भेजकर हस्ताक्षर करा लिये गये। देशभर में हाहाकार मच गया पर तुगलकी सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं थी। कांग्रेस ने गांधी का नाम लिया पर विचारों को भूला दिया आज कांग्रेस समेत जो उसके पिछलग्गू दल संविधान की प्रतियां लेकर घूमते हैं। इन्हीं लोगों ने संविधान की हत्या की। जिन लोगों ने प्रेस पर हल्ला बोल दिया था। पत्रकारों को चुनौती देने का काम किया था आज संविधान की प्रतियां लेकर घूम रहे हैं। ब्रजेश पाठक ने कहा कि देश विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। आजादी के रण बांकुरों ने जो सपना देखा था आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उस सपने को सच करने का काम हो रहा है। मोदी ने गरीबों के जीवन में खुशहाली लाने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी ने गांधी के नाम को तो ले लिया लेकिन उनके विचारों को नहीं लिया। पत्रकार नारद मुनि की तरह सच का करे प्रचार उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा वोट के लिए नहीं देश के लिए काम करती है। हम लोग राष्ट्र प्रथम के भाव से काम करते हैं। लोकतंत्र को बचाने के लिये जनसंघ ने पार्टी का विलय कर दिया था। आज दुनिया भारत की तरफ देखती है। ये भी रहे मौजूद कार्यक्रम को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह,पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा,लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल और अरविंद मार्डीकर ने संबोधित किया। इस अवसर पर 11 लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया गया।

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