भास्कर न्यूज | जालंधर शहर के प्रमुख चौक-चौराहों के पास से ट्रेफिक पुलिस की गाड़ियां नो पार्किंग में खड़े वाहनों को टो करके पुलिस लाइन में ले जाती हैं। टो वैन का दायरा सिर्फ बीएमसी चौक, गुरु नानक मिशन चौक, कचहरी चौक, लाडोवाली लोड और बस स्टैंड तक ही सीमित है यानी तीन किलोमीटर के एरिया से ही गाड़ियां टो होती हैं। नो पार्किंग से गाड़ियां टो करने का जुर्माना ट्रेफिक पुलिस व निजी कंपनी द्वारा 1150 रुपए निर्धारित किया गया है। लेकिन ट्रेफिक पुलिस थाने के अंदर बने काउंटर से मात्र 500 रुपए की रसीद दी जा रही है। उक्त आरोप कैंट के रहने वाले दीपक कौल ने लगाए हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत सीएम भगवंत सिंह मान को की जिन्होंने ई-मेल के जरिए डीसी जालंधर को जांच के लिए कहा है। दीपक कौल ने कहा कि किसी काम से सिविल लाइन के प्लाजा चौक के पास गए थे। उन्होंने अपनी गाड़ी डिवाइडर के उपर चढ़ा कर खड़ी की। जब वापस आए तो देखा कि उनकी गाड़ी वहां नहीं थी। पता चला कि ट्रेफिक पुलिस उनकी गाड़ी टो करके ले गई है। वहीं से ट्रेफिक पुलिस थाने पहुंचे। जहां से टो करने का जुर्माना पूछा तो कर्मचारी ने 1150 रुपए मांगे। पैसे देने के बाद उन्हें 500 रुपए की रसीद थमा दी। जब उन्होंने पूछा गया कि पैसे 1150 रुपए लिए हैं और रसीद 500 रुपए की दी है तो उसने रसीद पर लिख दिया कि 650 रुपए टोइंग वैन का है। दो रसीद मिलीं, पूछा तो बोला- पाजी रेहन दिओ सौरभ ने कहा कि वह अपने दोस्त के साथ मिशन चौक के पास स्थित मॉल में आया था। गाड़ी वह किसी से मांग कर लाया था। गाड़ी बाहर खड़ी कर अंदर गए तो यह टो हो गई। पुलिस लाइन पहुंचे तो वहां काफी घूमना पड़ा। फिर उस विंडो तक पहुंचे जहां जुर्माने भरे जाते हैं। वहां बैठे कर्मचारी ने गाड़ी का नंबर बताने पर दो रसीदें दी। एक में 500 रुपए तो दूसरी रसीद 550 रुपए थे। जब पूछा कि जुर्माना 1150 रुपए हैं तो रसीद एक ही मिलती चाहिए। पर कर्मचारी ने कहा कि दो रसीद ही दी जाती हैं। सौरभ से जब शिकायत करने की बात कही तो उसने आगे से कहा कि पाजी रेहन दिओ काहतों पंगे च पैणा, अग्गे तो ध्यान रखांगे, न असीं अमीर बन जाणा ते न ऐहनां ने। ट्रेफिक पुलिस देख रही तमाशा : कोर्ट में अपने दोस्त के साथ आए रविंदर सिंह ने कहा कि कोर्ट के पास से उनकी गाड़ी टो हुई थी। उन्हें भी दो रसीद ही दी गई हैं। प्राइवेट ठेके पर बैठे कर्मचारी सरेआम लूट रहे हैं और ट्रेफिक पुलिस के उच्च अधिकारी बैठ कर तमाशा देख रहे हैं। दीपक ने कहा कि प्लाजा चौक से लेकर पुलिस लाइन तक 3 किलोमीटर का एरिया है। 650 रुपए टोइंग वैन ले रही है। जो कि गलत है। ऊपर से रसीद भी नहीं मिलती। इससे साफ लगता है कि ट्रैफिक पुलिस की कंपनी के साथ मिलीभगत है और पुलिस मुलाजिम मोटी कमाई कर रहे हैं। शहर में रोजाना 50 गाड़ियां टो जो जाती है। इससे एक दिन का 57 हजार तो एक महीने का 17 लाख रुपए बनता है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। टो वैन का जुर्माना 1150 रुपए ही है। किसी भी हालत में गलत नहीं होने दिया जाएगा और न ही हो रहा है। फिलहाल मामले की जांच करेंगे। -महेश कुमार, एसीपी ट्रेफिक