हरियाणा के गुरुग्राम की एक कंपनी में काम करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) ने मुंह में हीलियम गैस भरकर सुसाइड कर लिया। वह दिल्ली के बाराखंबा स्थित फ्लैट में मृत पाया गया। CA की पहचान करनाल के सालवन गांव के रहने वाले धीरज (25) कंसल के रूप में हुई है। उसके पिता की 2023 में मौत हो गई थी। इसके बाद मां ने दूसरी शादी कर ली। वह इकलौता बेटा था। पुलिस के अनुसार, धीरज गुरुग्राम के पास दिल्ली के महिपालपुर में PG में रहता था। उसने 20 से 28 जुलाई तक दिल्ली में एक फ्लैट बुक किया था। उसी फ्लैट में उसने 27 जुलाई को आत्महत्या कर ली। धीरज की लाश बिस्तर पर पड़ी थी। उसके मुंह में हीलियम गैस सिलेंडर की पाइप लगी हुई थी। उसने चेहरे पर मास्क लगाया था और उसे प्लास्टिक से ढका हुआ था, जिसे गर्दन के पास बांध दिया गया था। पास में ही सिलेंडर, मास्क और गैस मापने का उपकरण पड़ा था। उसने पाइप से अपने मुंह में हीलियम गैस भरी, जिससे उसकी मौत हो गई। कमरे और उसके फेसबुक अकाउंट से सुसाइड नोट मिला है, “जिसमें उसने लिखा है- मेरी मौत पर किसी को परेशान न किया जाए। मुझ पर किसी की जिम्मेदारी नहीं थी। जिंदगी में जितने इंसान मिले उन सभी ने बहुत अच्छा व्यवहार किया है। यह एक चमत्कार ही है कि दादी की मौत के बाद मैं इतने साल तक जी गया। कई बार मैंने महादेव से पूछा कि मुझे जिंदा क्यों रख रहे हैं? लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।” धीरज कंसल की फेसबुक पोस्ट की अहम बातें… मेरी मौत को दोष किसी को मत दीजिए
धीरज कंसल ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा- मेरी सरकार, पुलिस या किसी भी व्यक्ति से विनती है कि मेरी मौत के बाद किसी को भी परेशान न किया जाए। मैंने अपने जीवन में जितने भी लोगों से मुलाकात की, सबने मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया। कई लोगों ने तो हद से बाहर जाकर मेरी मदद की। इसलिए मेरी सबसे हाथ जोड़कर यही गुजारिश है कि मेरी मौत की वजह से किसी को भी सवालों, दुख या आरोपों में न घसीटा जाए। किसी को दोष मत दीजिए। मेरा पैसा अनाथालयों-वृद्धाश्रमों में बांट दो
आगे लिखा कि बस ये मान लीजिए कि धीरज नाम का एक इंसान कभी था ही नहीं। अगर मेरी मौत के बाद मेरा शरीर किसी के काम आ सकता है, तो कृपया मेरे अंगदान कर दिए जाएं। और जो भी पैसे मेरे पास हैं, वो अनाथालयों और वृद्धाश्रमों में बांट दिए जाएं। मेरे पास कहने को बहुत कुछ है, लेकिन मैं खुद को अब और राहत नहीं देना चाहता। मैं पहले ही बहुत कुछ बोल चुका हूं, ये एक बोरिंग चैप्टर बन गया है, अब इसे और सब कुछ खत्म करने का समय आ गया है। अब मैं और असफल नहीं होऊंगा। मुझे फिर से धरती पर मत भेजना
धीरज ने लिखा कि लगता है कि अब महादेव ने भी मुझे छोड़ दिया है। लेकिन इसमें भी मुझे कोई शिकायत नहीं है। मैं समझता हूं और नाराज़ नहीं हूं, महादेव। बस आपसे एक विनती है – अपनी प्यारी दुनिया और प्यारे-प्यारे इंसानों को हमेशा अपने पास रखना। कृपया मुझे फिर से इस धरती पर मत भेजना। किसी ने कहा था कि महादेव से कुछ भी कह सकते हैं क्योंकि वो पलटकर जवाब नहीं देते। शायद इसीलिए मैं उनसे सब कुछ कह देता था। लेकिन वो मेरे भोले महादेव हैं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ दिया जो मैंने मांगा भी नहीं। बस जो मांगा वो नहीं दिया… फिर भी मैं आपसे प्यार करता हूं महादेव। मैं किसी के लिए खास नहीं था
उसने आगे लिखा कि मैंने हमेशा कोशिश की कि किसी को भी परेशान न करूं, लेकिन मैं ऐसा बेवकूफ और नालायक था कि अक्सर सबको दुखी कर देता था। फिर भी लोगों ने मुझे स्नेह और सहानुभूति दी। मेरी मौत पर दुखी मत होना। मेरे लिए मौत ही मेरी जिंदगी का सबसे सुंदर हिस्सा है। आत्महत्या मेरे लिए कोई गलत बात नहीं, क्योंकि मेरी जिम्मेदारी किसी पर नहीं थी, और न ही मेरा किसी से कोई ऐसा जुड़ाव था। न मैं किसी के लिए खास था, न कोई मेरे लिए। कई लोगों को तो शायद ये भी महसूस नहीं होगा कि मैं अब नहीं हूं, क्योंकि मैं किसी की जिंदगी का हिस्सा ही नहीं था। दादी की मौत के बाद मर जाना चाहिए था
उन्होंने आगे कहा कि मुझे खुद पर यकीन नहीं होता कि मैंने अब तक जिंदा कैसे रह लिया। सच कहूं तो मुझे तो दादी की मौत के बाद ही मर जाना चाहिए था। मैं इतना डरपोक था कि घर से बाहर निकलने में भी डर लगता था। लगता है ये महादेव ही थे, जिन्होंने मुझे अब तक जिंदा रखा। मैंने कई बार पूछा भी – “क्यों रख रहे हो जिंदा?” पर कोई जवाब नहीं आया। अब लगता है कि उन्होंने भी हार मान ली है। और ये भी ठीक है, मैं समझता हूं, महादेव। और मैं नाराज नहीं हूं। धीरज कंसल की फेसबुक पोस्ट…