गुरुग्राम की चमचमाती कॉर्पोरेट दुनिया, जहां हर कदम पर सफलता की गूंज सुनाई देती है, वहां एक युवा जिंदगी ने चुपके से अलविदा कह दिया। इन्फोसिस के सीनियर एसोसिएट कंसल्टेंट शुभम मीणा सुसाइड मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उसने न कोई सुसाइड नोट छोड़ा और न ही किसी यार-दोस्त को कोई बात बताई, बस वाइफ को सोता छोड़कर चुपचाप घर की छत पर जाकर फंदे से लटक गया। सेक्टर 48 में इन्फोसिस कंपनी में कार्यरत एक इंजीनियर का कहना है कि कॉर्पोरेट कंपनियों में सभी स्टाफ पर स्ट्रेस तो काफी है, लेकिन शुभम पर विशेष तौर पर कोई दबाव था, इस बारे में उन्हें नहीं पता है। सहकर्मी बताते हैं कि शुभम हमेशा हंसमुख, काम में अव्वल रहता था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से वह खामोश रहने लगा था। वह डिप्रेशन से जूझ रहा था। एक बार पहले भी आत्महत्या की कोशिश कर चुका था, लेकिन उन्हें भरोसा था कि शादी के बाद सब ठीक हो जाएगा। यहां सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला…. लेट नाइट डिनर से आए, सुबह आंख खुली तो पति फंदे पर लटका था
पांच महीने से साथ रहने वाली उनकी पत्नी अभी भी सदमे में है। उसने पुलिस को बताया कि हम हर रात भविष्य के सपने बुनते थे। घटना से पहले शाम को वो डिनर करने बाहर गए थे, रात को एक बजे घर लौटे थे। लेट सोने की वजह से सुबह करीब साढ़े 11 बजे उसकी आंख खुली, तो शुभम बिस्तर पर नहीं थे। बाथरूम और बालकनी में देखने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला। उसने आवाज दी, लेकिन सन्नाटा ही जवाब था। बर्ड्स को पानी और दाना डालता था
पत्नी के मुताबिक वह बर्ड्स को दाना पानी डालता था, यह सोचकर वह दूसरी मंजिल पर गई तो वहां छत पर लगी लोहे की जाली पर उसका शव फंदे से लटका हुआ था। पति के शव को देखकर वह बदहवास हो गई और अपनी ससुराल और पुलिस में कॉल किया। वह अभी तक सदमे में है। आईआईटी बनारस से माइनिंग इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री होल्डर
शुभम ने अपनी स्कूल की शिक्षा धौलपुर के एक प्राइवेट स्कूल से की थी। राजस्थान के साधारण परिवार से निकलकर, उन्होंने मेहनत और लगन से आईआईटी (बीएचयू) में जगह बनाई। यहां माइनिंग इंजीनियरिंग में पांच वर्षीय बैचलर- मास्टर डिग्री हासिल की। 2019 में वह गुरुग्राम आए और यहां कुबेस्टियन कंसल्टिंग कंपनी में ढाई साल बतौर एसोसिएट कंसल्टेंट की जॉब की। इसके बाद इंफोसिस ज्वाइन की और यहां 20 लाख के पैकेज तक पहुंचा। फिटनेस और जानवरों से प्रेम था
पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि शुभम को फिटनेस का शौक था और पैट लवर था। वह लावारिस जानवरों के लिए खाना और पानी रखता था। साथ ही वह बाहर लावारिस लोगों की मदद भी करता था। वह
सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव था। वर्कआउट रील्स शेयर करता था। यहां उनके 3,400 से ज़्यादा फालोअर्स थे। उन्होंने आखिरी पोस्ट 8 अगस्त को की थी। कुछ सप्ताह से गुमसुम था
पड़ोसियों ने उन्हें विनम्र और हंसमुख बताया, लेकिन कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से वह गुमसुम से रहने लगा था। अब ज्यादा बात भी नहीं करता था। हालांकि वह अपनी पत्नी के साथ खुश था, जो उसके द्वारा सोशल मीडिया पर डाले वीडियो से भी पता चलता है। पुलिस मामले की जांच कर रही
जांच अधिकारी सतवीर ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि शुभम एक दयालु व्यक्ति था और सभी का गर्मजोशी से स्वागत करता था। लेकिन हाल ही में वह शांत रहने लगा था। शुभम कम बात करता था और अकेले रहना पसंद करता था। फिलहाल मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है। कॉर्पोरेट में डिप्रेशन का शिकार हो रहे इंजीनियर्स
साइक्लॉजिस्ट डॉ. अर्चना कृष्णा का कहना है कि गुरुग्राम कॉर्पोरेट कर्मी स्ट्रेस के चलते मेंटल हेल्थ की समस्या में हैं। गुरुग्राम जैसे शहर में जहां 14-16 घंटे की शिफ्ट्स और डेड लाइंस जिंदगी का हिस्सा हैं, वहां तनाव कोई नई बात नहीं। युवा पेशेवरों पर परफॉर्मेंस का दबाव, अकेलापन और सामाजिक अपेक्षाएं उन्हें तोड़ देती हैं। पुरुषों में मदद मांगने की हिचक इसे और गंभीर बनाती है।