गुरुग्राम में रेप पीड़िता नाबालिग ने बेटे को जन्म दिया:7वीं कक्षा की छात्रा से शादीशुदा व्यक्ति ने बनाए संबंध; आरोपी जेल भेजा

गुरुग्राम में 15 साल की रेप पीड़िता द्वारा बेटे काे जन्म देने का मामला सामने आया है। बच्ची को प्रसव पीड़ा हुई तो घरवालों को पता चला और परिजन उसे सेक्टर 10 स्थित जिला अस्पताल लेकर गए। सूचना मिलने पर पुलिस भी अस्पताल पहुंची और केस दर्ज कर आरोपी व्यक्ति को अरेस्ट कर लिया। नाबालिग लड़की और नवजात दोनों की हालत खतरे से बाहर है। पुलिस के अनुसार आरोपी उसी इलाके में रहता था और उसने दिसंबर 2024 से इस साल मार्च के बीच कई बार लड़की के साथ रेप किया। नाबालिग लड़की दसवीं क्लास की स्टूडेंट है। आरोपी ने लड़की को धमकी दी थी कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। जिससे वह बहुत डर गई और उसने अपने माता-पिता या किसी और को कुछ नहीं बताया। किराए पर रहता था आरोपी आरोपी शादीशुदा है और कादीपुर में किराए पर रहता है। वह एक निजी कंपनी में काम करता है। इस साल फरवरी में किराए का मकान खाली करने के बाद वह इलाके से फरार हो गया था। मंगलवार को लड़की की डिलीवरी होने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया और गुरुवार को आरोपी राजेश को अरेस्ट कर लिया। जिस शुक्रवार को कोर्ट ने जेल भेज दिया। कई बार डरा धमका कर संबंध बनाएं पुलिस के अनुसार वह व्यक्ति इलाके में रहता था और उसने दिसंबर 2024 से लेकर इस साल मार्च तक कई बार लड़की को डरा धमका कर उसकी मर्जी के खिलाफ संबंध बनाएं। पुलिस के अनुसार प्रसव पीड़ा शुरू होने तक न तो उसके माता-पिता और न ही लड़की को उसकी गर्भावस्था के बारे में पता था। सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम जांच के लिए अस्पताल भेजी गई। जिसके बाद यह मामला खुला। लगातार स्कूल जाती रही अपने प्रेग्नेंट होने से अनजान लड़की नियमित रूप से स्कूल जाती रही। पीड़िता और उसके माता-पिता को आखिरी क्षण तक यह बिल्कुल पता नहीं था कि वह प्रेग्नेंट है। जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उन्हें पता चला। डिस्चार्ज होने के बाद काउंसलिंग करवाएगी पुलिस
गुरुग्राम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी संदीप के मुताबिक पीड़िता को अभी अस्पताल से छुट्टी नहीं मिली है। छुट्टी मिलने के बाद, बाल कल्याण समिति द्वारा उसे और उसके माता-पिता की काउंसलिंग की जाएगी। साथ ही मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज किया जाएगा। मुकदमे की सुनवाई के दौरान बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। ताकि आरोपी पिता के बारे में पुष्टि हो सके। कानून के अनुसार पीड़ित को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।

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