गुरुग्राम में सफाई पर जेट-एयरवेज के Ex CEO का तंज:संजीव कपूर ने लिखा- डिज्नीलैंड बनाना चाहते हो…शर्म करो; PM से हस्तक्षेप की अपील

गुरुग्राम में सड़कों पर फैले कचरे को लेकर जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ संजीव कपूर ने अधिकारियों पर तंज कसा है। शनिवार रात को उन्होंने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर सेक्टर 44 में सड़क किनारे फैले कूड़े की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि ​​महीनों बाद, स्थिति पहले से भी बदतर हो गई है, शर्म की बात है। @MunCorpGurugram @DC_Gurugram @cmohry को न तो इस धरती का सम्मान है, न टैक्स देने वाले नागरिकों का और न ही गायों का और आप हरियाणा में डिज्नीलैंड बनाना चाहते हैं? हास्यास्पद!” संजीव कपूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग करते हुए तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। ​​उन्होंने लिखा कि @narendramodi जी, कृपया कुछ कीजिए! #स्वच्छ भारत। कार के अंदर से ली गई इन तस्वीरों में गूगल मैप्स से लिया गया स्क्रीनशॉट भी शामिल किया गया है। ताकि अधिकारियों और सरकार के नुमाइंदों को सच्चाई का पता चल सके। अधिकारियों का उड़ाया मजाक संजीव कपूर ने एक फॉलो-अप पोस्ट में लिखा कि बाबुओं की यह कहने की हिम्मत कि हम एक ऐप बना रहे हैं, उसके जरिए हमें कचरे की तस्वीरें और स्थान भेजें। उन्होंने इस सुझाव का मजाक उड़ाते हुए कहा कि क्या वे आंखों पर पट्टी बांधकर गाड़ी चलाते हैं? मुझे यकीन है कि ऐप लॉन्च की धूम मचेगी और फिर वे काम पूरा होने पर विचार करेंगे। इससे साफ है कि अधिकारियों द्वारा कैसे तकनीकी समाधानों के नाम पर वास्तविक समस्याओं को टाला जा रहा है। मिलेनियम सिटी का मतलब सड़कों पर कचरा संजीव कपूर की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तुरंत फैल गई। हजारों लोगों ने इसे देखा और कई यूजर्स ने उनकी बात का समर्थन करते हुए गुरुग्राम नगर निगम (MCG) और अधिकारियों की लापरवाही पर गुस्सा जाहिर किया। एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा कि मिलेनियम सिटी में मिलेनियम का मतलब है सड़कों पर टन भर कचरा। एक अन्य यूजर ने सुझाव दिया कि अब समय आ गया है कि शीर्ष मेट्रो शहरों में नगर निगमों का निजीकरण किया जाए। उन्होंने तर्क दिया कि यदि बिजली डिस्कॉम को सौंपा जा सकता है, तो यह इतना मुश्किल नहीं होना चाहिए। एक नए शिफ्ट हुए व्यक्ति ने निराशा जताते हुए लिखा कि कुछ महीने पहले ही गुरुग्राम आया हूं और मैं पहले से ही पछता रहा हूं। लगातार पोस्ट कर रहे हैं पूर्व सीईओ संजीव कपूर लगातार गंदगी को लेकर पोस्ट कर रहे हैं। चार जुलाई को भी उन्होंने पॉश एरिया गोल्फ कोर्स रोड से हुडा सिटी सेंटर को जोड़ने वाली मुख्य सुपर मार्ट सड़क पर नगर निगम के कार्यों के फोटो डाले थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि इस सड़क का महीनों से यही हाल है। किसी भी अन्य देश में नगर निगम का काम (जो भी वे कर रहे हैं) इस बदसूरत तरीके से नहीं किया जाता है। हम इसे क्यों स्वीकार करते हैं? चमचमाती बिल्डिंगों के पीछे का सच
गुरुग्राम अपने चमचमाते कॉर्पोरेट कार्यालयों, मॉल्स और हाई-राइज अपार्टमेंट्स के लिए जाना जाता है। करीब एक करोड़ की आबादी का शहर लंबे समय से कचरा प्रबंधन की समस्या से जूझ रहा है। सेक्टर 44 जैसे क्षेत्र जो शहर के मध्य में स्थित हैं, वहां नियमित रूप से कचरे के ढेर और गंदगी से अटे सड़क किनारे शहर की खराब तस्वीर पेश करते हैं। लोग बोले- पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी लोगों का कहना है कि कचरा संग्रहण और निपटान की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी है। कई बार कचरा हफ्तों तक सड़कों पर पड़ा रहता है, जिससे न केवल बदबू और गंदगी फैलती है, बल्कि गायों और अन्य जानवरों के लिए भी खतरा पैदा होता है। गुरुग्राम में स्वच्छ भारत अभियान हकीकत कुछ और ही बयान करती है। नगर निगम की ओर से बार-बार किए जाने वाले दावों और करोड़ों के बजट आवंटन के बावजूद, ग्राउंड लेवल पर स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।

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