हरियाणा के गुरुग्राम में अरावली की पहाड़ियों के बीच बने नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) में स्पेशल ऑपरेशंस ट्रेनिंग सेंटर (SOTC) का गृह मंत्री अमित शाह ने शिलान्यास कर दिया है। 141 करोड़ की लागत से बनने वाले इस सेंटर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए न केवल एनएसजी बल्कि स्टेट पुलिस फोर्स के जवानों को भी स्पेशल कमांडो को विश्वस्तरीय मॉडर्न ट्रेनिंग दी जाएगी। इस केंद्र का उद्देश्य आतंकवादियों को पाताल से भी ढूंढ़कर दंड देने की रणनीति के तहत किया गया है। यह ट्रेनिंग सेंटर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। इस ट्रेनिंग सेंटर को मॉडर्न तकनीकों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ डिजाइन किया जा रहा है, ताकि कमांडो को हर तरह के हालात में लड़ने के लिए तैयार किया जा सके। जानिए एसओटीसी की चार खास बातें…………. अत्याधुनिक ट्रेनिंग: एनएसजी और राज्य पुलिस के ब्लैक कैट कमांडो को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करना, ताकि वे किसी भी परिस्थिति में आतंकवादियों से निपट सकें। मल्टीपल वार स्किल: कमांडो को जमीन, हवा, और समुद्र में ऑपरेशन करने की बारीकियां सिखाई जाएंगी। कोऑपरेशन और कोआर्डिनेशन: एनएसजी और राज्य पुलिस फोर्स के बीच कोऑपरेशन और कोआर्डिनेशन बढ़ाना, ताकि ज्वाइंट ऑपरेशन में दिक्कत न हों। आतंकवाद के खिलाफ तुरंत एक्शन: आतंकवादी हमलों को विफल करने और संकट की स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहना। इस ट्रेनिंग सेंटर की विशेषताएं रियल वॉर ट्रेनिंग: यहां अर्बन, रूरल और जंगली इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों का सामना करने के लिए रियल वाॅर की तरह ऑपरेशन चलाने की खास ट्रेनिंग होगी। इसमें किडनैपिंग, बम विस्फोट, और घुसपैठ जैसी स्थितियां बनाई जाएंगी। अत्याधुनिक हथियार: कमांडो को आधुनिक हथियारों जैसे स्नाइपर राइफल्स, ऑटोमैटिक राइफल्स, और विस्फोटक उपकरणों के प्रयोग में एक्सपर्ट बनाया जाएगा। स्पेशल ऑपरेशन टेक्निक्स: हेलिकॉप्टर से रैपलिंग, पैराशूटिंग, और समुद्री ऑपरेशन जैसे विशेष कौशल सिखाए जाएंगे। साइबर हमला: आतंकवादी संगठन अब साइबर हमलों और तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। यहां कमांडो को साइबर खतरों से निपटने और तकनीकी खुफिया जानकारी एकत्र करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। फिजिकल एंड मेंटली सिचुएशन: कमांडो को फिजिकल और मेंटली सिचुएशन को लेकर विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। जवानों को विषम परिस्थितियों में खुद को मजबूत बनाने के लिए विशेष मॉड्यूल होंगे। इसमें डिप्रेशन मैनेजमेंट, लीडरशिप डवलपमेंट और डिसीजन मेकिंग स्किल्स शामिल होंगी। अब जानिए एनएसजी ब्लैक कैट्स क्यों है खास एनएसजी देश की प्रमुख आतंकवाद विरोधी फोर्स है। जिसमें देशभर की पैरामिलिट्री फोर्स से चुनिंदा जवानों को शामिल किया जाता है। एनएसजी कमांडो को ब्लैक कैट्स के नाम से जाना जाता है। 2008 के मुंबई हमलों के बाद इसके ऑपरेशन की खूब सराहना हुई थी। इस सेंटर का देश को क्या फायदा होगा लोकल लेवल पर एक्शन: राज्य पुलिस के कमांडो को एनएसजी-स्तर की ट्रेनिंग मिलने से लोकल लेवल पर आतंकवादी घटनाओं से निपटने की क्षमता बढ़ेगी। केंद्र और राज्य के बीच कोआर्डिनेशन बढ़ेगा: यह केंद्र एनएसजी और राज्य पुलिस बलों के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन होगा। कैपिसिटी बढ़ेगी: राज्य पुलिस बलों की कैपिसिटी बढ़ेगी, जिससे वे आतंकवादी खतरों से निपटने में अधिक सेल्फ होंगे। आतंकवाद के खिलाफ स्ट्रेटजी
यह ट्रेनिंग सेंटर भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत ने हाल के वर्षों में आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीतियों को और सख्त किया है। सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक, और अन्य ऑपरेशनों ने भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को स्पष्ट किया है। सेंटर के लिए गुरुग्राम इसलिए अनुकूल गुरुग्राम को इस ट्रेनिंग सेंटर के लिए चुनना एक स्ट्रेटजिक फैसला है। यह शहर न केवल दिल्ली के नजदीक है, बल्कि इसे आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी भी आसान है। गुरुग्राम में पहले से ही एनएसजी का मुख्यालय मौजूद है, जिससे इस सेंटर को चलाना और मैनेज करना आसान होगा। इसके अलावा गुरुग्राम की भौगोलिक स्थिति विभिन्न प्रकार ट्रेनिंग के लिए सही है।
हैदराबाद सेंटर वामपंथी उग्रवाद के लिए
एनएसजी के हैदराबाद सेंटर आधुनिक हथियार और स्पेशल उपकरणों के साथ वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से निपटने के ऑपरेशनों के लिए बनाया गया है।