बिजनेसमैन गोपाल खेमका मर्डर केस में पुलिस ने शूटर उमेश को अरेस्ट कर लिया है। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया है कि 10 लाख में हत्या की डील हुई थी। मर्डर के लिए उसे एक लाख रुपए मिलने वाले थे। गोपाल खेमका मर्डर केस में शूटर की गिरफ्तारी होने के बाद बेऊर जेल में बंद गैंगस्टर अजय वर्मा पर भी पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पटना पुलिस ने जेल के अंदर अजय वर्मा से 3 दिनों में तीन बार पूछताछ की है। पहली बार शनिवार 5 जुलाई को पटना पुलिस ने बेऊर जेल में छापेमारी की थी। डेढ़ घंटा जेल में रहने के दरम्यान करीब 20 मिनट तक कुख्यात अजय से पुलिस ने पूछताछ की थी। रविवार (6 जुलाई) को पुलिस की टीम जेल गई और दूसरे दिन भी पूछताछ की। इसके बाद सोमवार (7 जुलाई) को पुलिस टीम एक बार फिर बेऊर जेल गई और अजय वर्मा से करीब 25 मिनट में कई सवाल पूछे। पूछताछ में बिहार STF की टीम भी शामिल थी। रिमांड पर लेने की तैयारी पुलिस सूत्रों की मानें तो गोपाल खेमका की हत्या में कुख्यात अजय वर्मा की अहम भूमिका है। इसी वजह से पहले दिन से ही पुलिस ने उसे रडार पर ले लिया। जेल के अंदर जाकर दबिश बनाई। माना जा रहा है, इसके बाद ही ठोस लीड मिले। इसका फायदा यह हुआ कि पटना पुलिस की जांच सही दिशा में आगे बढ़ती गई। अब तक जेल में अजय वर्मा से जो पूछताछ हुई है, उससे जांच टीम पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है। इसलिए लंबी पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लेने की तैयारी है। जल्द ही इसके लिए कोर्ट में अपील की जाएगी। पटना सिटी से 5 से अधिक हिरासत में लिए गए सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान अजय वर्मा ने सवालों के जवाब में क्या कुछ बताया, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन, उसने अपने गैंग के कई लोगों के नाम और पता बताया। फिर इसकी निशानदेही पर पुलिस की अलग-अलग टीम ने कार्रवाई की। पटना सिटी के अलग-अलग इलाकों में छापेमारी की गई। इसके बाद अजय वर्मा के कनेक्शन के 5 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। अब जानिए कौन है अजय वर्मा 90 के दशक में अपराध की दुनिया में आया अजय 90 के दशक में अजय वर्मा ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। अपने ही घर के सामने रहने वाले कुख्यात पिंकू चौधरी की हत्या से उसने पटना में अपराध की दुनिया में एंट्री की थी। पिंकू चौधरी और अजय वर्मा की नहीं बनती थी। एक बार पिंकू चौधरी ने अजय वर्मा को मारा था। इसके बाद अजय ने उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने अपनी गैंग बनाई। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, शुरुआती सालों में अजय वर्मा सुपारी लेकर लोगों की हत्या करने लगा। वो खुद शार्प शूटर बन गया। फिर रंगदारी और अपहरण करने लगा। एक वक्त ऐसा आया जब अजय वर्मा का नाम बिहार के टॉप कुख्यात अपराधियों की लिस्ट में शामिल हो गया। बिहार से लेकर झारखंड तक उसकी गैंग का नेटवर्क था। अभी वो पटना के बेऊर जेल के गंगा खंड में बंद है। पुलिस रिकॉर्ड की माने तो उसके टच में आज भी कई शूटर हैं। अजय के पिता साइंस कॉलेज में क्लर्क थे, भाई IFS अधिकारी अजय वर्मा घघा घाट रोड, सुल्तानगंज का रहने वाला है। कायस्थ परिवार से आने वाले अजय वर्मा के पिता पटना साइंस कॉलेज में क्लर्क थे। तीन भाइयों में अजय वर्मा सबसे छोटा है। सबसे बड़े भाई देवेंद इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS) में केरल कैडर के अधिकारी रहे हैं। अब रिटायर हो चुके हैं। दूसरे भाई ने वकालत की और कुछ समय तक उन्होंने प्रैक्टिस भी की। भाभी सीमा वर्मा वर्तमान में नगर निगम की पार्षद भी हैं। अंधेरे में वारदात को अंजाम देती थी गैंग पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अजय वर्मा और उसकी गैंग अक्सर रात के अंधेरे में वारदात को अंजाम देती थी। हत्या के लिए जिसके नाम की ये सुपारी लेता था, उस टारगेट को बिजली कटने के बाद अंधेरे में पूरा करता था। बदलते वक्त के साथ उसने क्राइम का पैटर्न बदला। सुपारी लेने के बाद वारदात को खुद अंजाम नहीं देता था। बल्कि, गैंग में शामिल अपने गुर्गों से अंजाम दिलवाता था। इसके अलावा वो जमीन कब्जा दिलाने, खरीदने और बेचने के धंधे में भी उतर गया। 2017 में अजय वर्मा को मारी गई थी गोली 29 नवंबर 2017, स्कॉर्पियो से अजय वर्मा अपने साथी के साथ घर से कोर्ट जाने के लिए निकला था। रास्ते में शूटर गुड्डू मुनीर अपने साथियों के साथ मिला। पहले अजय को प्रणाम किया और फिर पिस्टल निकाल कर गोली मार दी। गोली अजय के गले में लगी। गंभीर हालत में उस वक्त इलाके के एक हॉस्पिटल में उसे एडमिट कराया गया था। पुलिस जांच में इस वारदात के पीछे दोनों के बीच भागलपुर की एक जमीन का विवाद सामने आया था। पहले भी दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी थी। वर्मा को गोली मारने के बाद मुनीर फरार हो गया। जांच में CCTV फुटेज के आधार पर अपराधी गुड्डू मुनीर और उसके साथियों की पहचान की थी। पटना में बैठकर देखा मुनीर की हत्या का लाइव वीडियो गोली लगने से घायल हुए अजय वर्मा को ठीक होने में लंबा वक्त लगा। हालांकि उसने गोली मारने वाले शूटर गुड्डू मुनीर को अपने टारगेट पर ले लिया था। 2021 में अपने गुर्गों के जरिए वर्मा ने गुड्डू मुनीर का लोकेशन दिल्ली में खोज निकाला। वहां के खजूरी खास थाना इलाके के तहत अपने शूटर के जरिए गोली मारकर गुड्डू की हत्या करा दी। वर्मा ने अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले का बदला 4 साल के अंदर ले लिया। उस वक्त ये बात भी सामने आई थी कि पटना में बैठकर अपने गुर्गे के जरिए उसने मोबाइल से इस हत्या को लाइव देखा था। हालांकि इसे लेकर किसी तरह की पुष्टि नहीं है। इस मामले में खजुरी खास थाने में अजय वर्मा के खिलाफ हत्या का केस दर्ज है। उसके ऊपर सिर्फ पटना के थानों में हत्या, रंगदारी समेत क्राइम के 28 से अधिक केस दर्ज हैं। 24 जून को STF ने गिरफ्तार किया था 24 जून को बिहार STF और पटना पुलिस की टीम ने मिलकर अजय वर्मा को उसके तीन साथियों के साथ हत्या की प्लानिंग मामले में गिरफ्तार किया है। पटना में छापेमारी कर जब पुलिस ने वर्मा को पकड़ा तो पास से एक जर्मन मेड पिस्टल, एक इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का रिवॉल्वर, 98 गोली, दो मैगजीन, चार मोबाइल, एक डोंगल और एक फोर व्हीलर बरामद की थी। गिरफ्तारी के बाद से ही वो बेऊर जेल में बंद है।