गोरखपुर में महिला को दिया नस सुखने का इंजेक्शन:ननद ने दवा देकर गर्भपात कराया, दहेज की लालच में ससुरालियों ने ढाया सितम

गोरखपुर के कैंपियरगंज थाना क्षेत्र की नवविवाहिता शशि यादव ने पति, ननद और ससुराल पक्ष के लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए महिला थाने में तहरीर दी है। जिसके आधार पर महिला थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता का आरोप है कि दहेज में कम वस्तुएं मिलने से नाराज ससुरालियों ने उसके साथ लगातार मारपीट की, जबरन नस सूखने का इंजेक्शन लगाया और दवाएं देकर उसका गर्भ भी गिरा दिया। पीड़िता शशि यादव ने बताया कि मेरी शादी एक मई 2025 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार जितेंद्र यादव से हुई थी। विवाह के बाद उसके मायके वालों ने 5 लाख रुपये नकद, पल्सर मोटरसाइकिल, सोना-चांदी के जेवर, फर्नीचर, घरेलू सामान और करीब दो लाख रुपये का अन्य सामान देकर उसे ससुराल विदा किया था। शादी के चार दिन बाद ही पति और ननद उसे मुंबई ले गए। जहां बताया गया था कि उसके पति लीलावती अस्पताल में सरकारी नौकरी करते हैं। इसी विश्वास में पीड़िता के पिता ने करीब 20 लाख रुपये तक खर्च कर दिए। कुछ ही दिनों बाद पति जितेंद्र यादव, ननद माया और अन्य ससुरालजन दहेज कम लाने का ताना देने लगे। पीड़िता का आरोप है कि पति ने बिना बीमारी के ही उसे “नस सूखने” का इंजेक्शन लगाते थे। ननद माया ने गर्भपात कराने वाली दवा जबरन खिलाई। जिससे उसका गर्भ खराब हो गया। विरोध करने पर उसे चार पहिया वाहन लाने का दबाव दिया गया और लगातार मारपीट की गई।
पीड़िता ने बताया कि 28 जुलाई 2025 को उसे मारपीट कर उसके ससुराल स्थित बंदोह बनोहिया गांव भेज दिया गया। जहां उसने अपनी पीड़ा ससुराल के अन्य सदस्यों को बताई लेकिन उल्टा उसे ही दोषी ठहराते हुए कार लाने की मांग दोहराई गई। तबीयत बिगड़ने पर उसने पिता को जानकारी दी। 29 जुलाई को पिता जब उसे लेने पहुंचे तो ससुराल वालों ने उसका सारा जेवर और सामान रोक लिया और केवल पहने हुए कपड़ों में ही उसे मायके भेज दिया। डाॅक्टर बोलीं- गलत इंजेक्शन दिया जा रहा था पीड़िता को पीपीगंज में डॉ. रीमा गोयल के पास ले जाया गया। जहां जांच के दौरान चिकित्सक ने बताया कि उसकी नसों में कोई बीमारी नहीं थी और उसे गलत इंजेक्शन दिया जा रहा था। स्वास्थ्य सुधरने के बाद पीड़िता ने पूरी घटना की सूचना पुलिस को दी।
महिला थाने की निरीक्षक प्रभा ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कॉल डिटेल, चिकित्सीय रिपोर्ट एवं बयान के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है।

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