ग्रामीण कार्य विभाग फारबिसगंज प्रमंडल के अधीन है योजना:सिस्टम का खेल: अररिया में पुल निर्माण के लिए फंड मिला…काम हो रहा सुपौल में

एक तरफ जिले में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। दूसरी ओर सरकारी जिम्मेदारों की लापरवाही से जनता की हकमारी हो रही है। इसकी बानगी अररिया के भरगामा में स्वीकृत पुल के फंड से सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड के चरणे गांव में विकास कार्य होना है। लेकिन विभागीय अधिकारी इसे गलत नहीं मान रहे हैं। मामला भरगामा प्रखंड के सिरसिया कलां पंचायत के पास का है। भरगामा के विलेनिया नदी पर पुल बनाने के लिए सरकारी फंड जारी किया गया। पुल विलेनिया नदी पर बन भी रहा है। लेकिन जहां पुल बन रहा है वह निर्माण स्थल सुपौल जिले का हिस्सा है। जबकि नाबार्ड योजना से करीब 4 करोड़ का फंड अररिया जिले के लिए स्वीकृत हुआ था। यह पुल भरगामा के सिरसिया होकर गुजरने वाली विलेनिया धार पर पुल की लंबाई 40.50 मीटर और एप्रोच पथ की लंबाई 129.50 मीटर है। इस परियोजना की लागत 3,98,23,927 रुपये है। साथ हीं पांच वर्षों तक मेंटेनेंस के नाम पर 5.99 लाख रुपये और स्वीकृत किए गए हैं। निर्माण कार्य की शुरुआत 9 फरवरी 2024 को हुई और 8 फरवरी 2025 तक कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हुआ है। परियोजना के ठेकेदार नवल किशोर कार्यकारी एजेंसी ग्रामीण कार्य विभाग, कार्यपालक अभियंता, फारबिसगंज, अररिया है। लेकिन हैरत की बात यह है कि यह पूरा निर्माण कार्य सुपौल जिले की जमीन पर कराया जा रहा है। समाजसेवी असलम सिद्दीकी का कहना है कि भरगामा के भैयाराम विशनपुर पथ पर नया आरसीसी पुल कागजों में अररिया जिला के लिए स्वीकृत किया गया है। लेकिन हकीकत में यह पुल सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड के चरणे गांव में बनाया जा रहा है। इनका कहना है कि इससे बड़ा विकास का विस्तार और क्या हो सकता है। वहीं, ग्रामीण अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि जिस जगह पुल का निर्माण हो रहा है वह छातापुर प्रखंड के चरणे पंचायत के अंतर्गत आता है। जबकि पूर्व में नरपतगंज विधायक अनिल कुमार यादव द्वारा भी पुल से दक्षिण की दिशा में नदी के पूर्वी बांध पर पक्की सड़क का निर्माण कराया गया है। इनका कहना है कि जिले के जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। शायद इसलिए जिले का पुल सुपौल में बन रहा है। इस कार्य के लिए स्थलीय निरीक्षण कर टेंडर डाला गया था। जिसे स्वीकृत कर अनुमति दी गई। ठेकेदार के कार्यकलाप को देखकर इन्हें काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।- रामनारायण साह, एसडीओ, फारबिसगंज ग्रामीण कार्य विभाग कार्य तो जनता के लिए ही हो रहा है। विभाग उसी मार्ग पर पुल बनवा रहा है। भले ही किसी दूसरे ब्लॉक या जिले में कार्यस्थल पड़ता हो। सब कुछ सरकार जनता के लिए ही करती है।- प्रवीण कुमार, कार्यपालक अभियंता, आरईओ प्रमंडल, फारबिसगंज

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