घोड़े की आत्मिक शांति के लिए रखी अरदास:लुधियाना के मालिक ने कार्ड छपाए, रिश्तेदार बुलाए; बोला- मेरे लिए तीसरे बेटे जैसा था

पंजाब के लुधियाना में एक मालिक को घोड़े से इतना प्यार हुआ कि उसकी मौत पर भोग समागम रख दिया। इसके लिए बाकायदा कार्ड छपवाए और गुरुद्वारा साहिब में कार्यक्रम रखा। जिसमें सभी जान-पहचान वालों और रिश्तेदारों को न्योता दिया गया है। घोड़े की आत्मिक शांति के लिए रखा यह समागम गांव के गुरुद्वारा साहिब परमेश्वर द्वार में होगा। जिसमें घोड़े की आत्मिक शांति के लिए अरदास भी की जाएगी। घोड़े का 38 महीने की उम्र में 8 अक्टूबर को मौत हो गई थी। मगर, जन्म से लेकर मौत तक साथ रहने की वजह से मालिक को उससे बेहद प्यार हो गया। सबसे पहले घोड़े की 3 तस्वीरें देखिए… मालिक के घोड़े से प्रेम की पूरी कहानी… ​​​​​घोड़े की मौत से दुखी हुए तो रिश्तेदार नया ले आए
चरणजीत सिंह ने बताया कि घोड़े पालना और उनसे प्यार करना उनके खून में है। 3 पीढ़ियों से घोड़े पाल रहे हैं। इससे पहले उनके पिता और दादा भी घोड़े पालते थे। फतेह जंग से पहले भी उनके पास घर में घोड़ी थी। उसी ने इस बच्चे को जन्म दिया था। 8 अक्तूबर को जब फतेहजंग की मौत हुई तो चरणजीत सिंह मिंटा उदास रहने लगे। उनके रिश्तेदारों को जैसे ही पता चला तो वो पटियाला से एक नीले रंग का घोड़ा लेकर उनके पास आए और उन्हें दे दिया। चरणजीत ने कहा कि नया घोड़ा भी फतेहजंग की तरह ही दिखता है।

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