आईपीएल फ्रेंचाइजी पंजाब किंग्स की सह-मालकिन और बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा को चंडीगढ़ कोर्ट से राहत मिली है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने पंजाब किंग्स को चलाने वाली केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 7 जुलाई 2025 को हुई बैठक और उसके बाद लिए गए सभी फैसलों को याचिका और आदेश 39 नियम 1 व 2 सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के तहत दाखिल आवेदन के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने सीधे स्टे लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कंपनी के भविष्य से जुड़े फैसलों को अंतिम निर्णय तक प्रभावी नहीं माना जाएगा। निचली अदालत ने याचिका की थी खारिज बता दें कि प्रीति जिंटा ने कुछ दिन पहले निचली अदालत में एक याचिका दायर कर 21 अप्रैल को हुई केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड की इक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) को अमान्य घोषित करने की मांग की थी। इस याचिका में उन्होंने कंपनी अधिनियम और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तत्काल स्टे की अपील की थी। निचली अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ जिंटा ने एडीजे कोर्ट में अपील दायर की। मोहित बर्मन और नेस वाडिया पर लगाए आरोप अपनी याचिका में जिंटा ने सह-निदेशक मोहित बर्मन और नेस वाडिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर यह बैठक बुलाई और उसे संचालित किया। उन्होंने अदालत से कहा कि यदि अपील पर फैसला नहीं लिया गया तो इसका उद्देश्य ही विफल हो जाएगा। कोर्ट ने दस्तावेजों की कमी पर जताई नाराजगी, लेकिन लगाई सशर्त रोक कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक संबंधित पक्षों द्वारा सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड पेश नहीं किए गए हैं। ऐसे में सीधे तौर पर स्टे नहीं दिया जा सकता। लेकिन, 7 जुलाई 2025 को हुई बैठक या उसके बाद लिए गए किसी भी निर्णय को इस अपील और CPC के आदेश 39 नियम 1 व 2 के तहत दाखिल आवेदन के अंतिम फैसले के अधीन माना जाएगा।