चंडीगढ़ सेक्टर 35 के रहने वाले अशोक कुमार से फर्जी शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर 56.26 लाख करने वाले 5 आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी एक संगठित साइबर ठग गिरोह से जुड़े हैं। आरोपियों ने मिलकर फर्जी अकाउंट और सिम कार्ड का इस्तेमाल करके लोगों से पैसे ठगे। आरोपियों को एस पी गीतांजली खंडेवाल की सुपरविजन में साइबर सेल की इंचार्ज इंस्पेक्टर इरम रिजवी की अगुआई में पकड़ा गया है। मोटे मुनाफे का झांसा देकर ठगे पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसे एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां खुद को शेयर एक्सपर्ट बताने वाले लोग लगातार झूठे रिटर्न दिखाकर लोगों को लुभा रहे थे। उन्होंने “IBKR” नाम का एक मोबाइल ऐप डाउनलोड करवाया और दावा किया कि यह ऐप इंटरएक्टिव ब्रोकर्स (Interactive Brokers) कंपनी से जुड़ा है। आरोपियों ने कहा कि इस ऐप के जरिए निवेश करने पर बड़ा मुनाफा मिलेगा। शुरुआत में कुछ छोटे निवेश पर फर्जी लाभ दिखाया गया जिससे पीड़ित का भरोसा बढ़ गया। इसके बाद पीड़ित ने कई बार में मिलाकर ₹56 लाख से अधिक की रकम अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। पैसे मिलते ही आरोपियों ने उसे वॉट्सऐप ग्रुप और ऐप से हटा दिया और सभी प्रकार के संपर्क तोड़ दिए। 17 अप्रैल 2025 को अशोक कुमार ने पुलिस स्टेशन साइबर क्राइम, चंडीगढ़ में शिकायत दी, जिस पर एफआईआर नंबर 33 दर्ज की गई। मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 319(2), 338, 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत दर्ज किया गया। गुजरात और राजस्थान के लोगों को बनाया शिकार साइबर सेल की जांच में पता चला कि यह एक संगठित ठग गिरोह है, जो राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों से ऑपरेट कर रहा था और पूरे भारत में फैले नेटवर्क से जुड़ा है। पुलिस ने अब तक राजस्थान से 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। यह गिरोह न केवल चंडीगढ़ बल्कि गुजरात और राजस्थान में भी कई लोगों को शिकार बना चुका है। पुलिस ने इस केस से जुड़ा डेटा I4C (इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर, गृह मंत्रालय) के साथ साझा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि देशभर में चल रहे इस नेटवर्क को बेनकाब किया जा सके। आरोपियों ने कबूल किए अपने रोल गिरोह का नेटवर्क देशभर में फैला