चंडीगढ़ पुलिस ने ऑपरेशन सेल में तैनात इंसपेक्टर रणजीत सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। चंडीगढ़ ऑपरेशन सेल में एसपी गीतांजलि खांडेलवाल द्वारा पत्र जारी कर यह कार्रवाई की गई है। इससे पहले ऑपरेशन सेल के ही हेड कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह सस्पेंड हो चुका है। यह कार्रवाई चंडीगढ़ के कजहेड़ी स्थित दिलजोत होटल में फायरिंग और मोहाली फेज-2 में जिम मालिक विक्की बाउंसर पर फायरिंग करने के मामले में की गई है। दरअसल, मामले के आरोपियों ने ऑपरेशन सेल के पास ही सरेंडर किया था। अब आरोप लग रहे हैं कि ऑपरेशन सेल द्वारा कार्रवाई सही ढंग से नहीं करने के कारण ही पुलिस स्टेशन 36 की पुलिस तीसरे पिस्टल और दो अन्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पा रही है और पुलिस 15 दिन से इस मामले को सुलझाने के लिए खाक छान रही है, मगर कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं कर सकी है। क्योंकि मामले के दो आरोपी पहले ही पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके हैं। क्या है मामला? चंडीगढ़ के कजहेड़ी स्थित दिलजोत होटल में फायरिंग और मोहाली फेज-2 में जिम मालिक विक्की बाउंसर पर 25 सितंबर की तड़के फायरिंग हुई थी। जिसमें जिम संचालक विक्की गंभीर घायल हुआ है। हमले की जिम्मेदारी अमन चौहान और रितिक भारद्वाज उर्फ बिल्ला नामक युवकों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर ली थी और ऑपरेशन सेल के समक्ष सरेंडर कर दिया था। ऑपरेशन सेल ने आरोपियों से दो पिस्टल बरामद की थीं। हालांकि, पुलिस ने कोर्ट में दावा किया कि होटल में जिस पिस्टल से फायरिंग की गई थी, वह बरामद दोनों में से नहीं है। पुलिस को अभी वह पिस्टल बरामद करनी है। मामला संदिग्ध होने पर केस की जांच पुलिस स्टेशन 36 पुलिस को दे दी गई थी। मामला संदिग्ध होने पर केस की जांच पुलिस स्टेशन 36 को दी गई जांच आपरेशन सेल की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर यह मामला पुलिस स्टेशन 36 पुलिस को दिया जाएगा। जांच अधिकारी ने दोनों आरोपियों का पुलिस रिमांड मांगा, जिसे कोर्ट ने 2 अक्टूबर तक के लिए मंजूर कर लिया। पुलिस अब आरोपियों से उस तीसरी पिस्टल के बारे में पूछताछ की थी। पुलिस को इस मामले में धर्मिंदर और आसिफ को गिरफ्तार करना बाकी है, जिनसे उन्होंने पिस्टल खरीदी थी। पुलिस इन दोनों को पंजाब के मलेरकोटला, पिंजौर, कालका और खरड़ लेकर जाएगी ताकि तीसरी पिस्टल बरामद की जा सके। इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना है। हेड कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह हो चुका सस्पेंड वहीं, मामले में ऑपरेशन सेल में तैनात हेड कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह की भूमिका भी सामने आई है, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। हेड कॉन्स्टेबल पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप है। मोहाली के जिम संचालक विक्की ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ पुलिस ने जिन दोनों को गिरफ्तार किया है वो तो मोहरे हैं। उनके पीछे चंडीगढ़ बुड़ैल जेल में बंद गोलू है। उसी की पूरी प्लानिंग है और उसके इशारे पर ये सब हुआ है। उसने ही पिस्टल मुहैया करवाने में इनकी मदद की है। इसके अलावा चंडीगढ़ पुलिस के एक कॉन्स्टेबल पर भी विक्की ने गंभीर आरोप लगाए थे। उसने कहा कि केस की जांच को गुमराह करने का काम कर रहा है और गोलू जो जेल में बंद है उसका मोबाइल फोन घर पर रहता है। उसके मोबाइल फोन की अगर कॉल डिटेल निकलवा कर देखी जाए तो सच सामने आ जाएगा कि कौन-कौन उसके संपर्क में थे। पहले मोहाली फिर चंडीगढ़ चलाई गोली पुलिस जांच में सामने आया कि बदमाशों ने सबसे पहले मोहाली में जिम संचालक विक्की बाउंसर पर गोली चलाई। इसके बाद चंडीगढ़ पहुंचे। यहां उनका निशाना वीरू था, जो सेक्टर-49 का रहने वाला है और होटल दिलजोत का संचालक है। आरोपियों को लगा कि वीरू होटल में मौजूद होगा, लेकिन उस समय वह अपने घर पर था।