चंडीगढ़ परिवहन विभाग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है, क्योंकि नवंबर तक सीटीयू की 85 बसें कंडम होने जा रही हैं। विभाग द्वारा नए चीफ सेक्रेटरी एच राजेश प्रसाद को दी गई प्रेजेंटेशन में इस स्थिति से अवगत कराया। विभाग ने बताया कि बसों की संख्या में तेजी से कमी आने वाली है, जिससे शहर के रूट संचालन पर असर पड़ सकता है। इस पर चीफ सेक्रेटरी ने सख्त निर्देश दिए कि बसों की कमी के बावजूद किसी भी हालत में रूट प्रभावित नहीं होने चाहिए और समय रहते वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान मिली जानकारी के मुताबिक, सीटीयू डिपो नंबर-4 की करीब 100 बसें अगले दो महीनों में 15 साल का संचालन पूरा कर लेंगी। ये बसें वर्ष 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान एक स्कीम के तहत चंडीगढ़ को मिली थीं। इनमें हरे रंग की नॉन-एसी और लाल रंग की एसी डीजल बसें शामिल हैं। इनमें से 85 बसें नवंबर तक, जबकि शेष 15 बसें जनवरी तक सेवा से बाहर हो जाएंगी। दो विकल्पों पर काम कर रहा परिवहन विभागइस स्थिति से निपटने के लिए विभाग दो संभावित विकल्पों पर काम कर रहा है। पहला — कुछ बसों को अस्थायी रूप से किराये पर लेने का, और दूसरा — केंद्र सरकार से मंजूर 100 ई-बसों को जल्द शहर में लाने का। आम लोगो को ने हो परेशानी चीफ सेक्रेटरी एच राजेश प्रसाद ने निर्देश दिए कि आम लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग वित्तीय चुनौतियों और बसों की संख्या को ध्यान में रखते हुए ऐसी व्यवस्था बनाए, जिससे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में कोई रुकावट न आए। चीफ सेक्रेटरी के कार्यभार संभालने के बाद विभागों की ओर से रोजाना अपनी-अपनी प्रेजेंटेशन दी जा रही हैं। परिवहन विभाग के साथ-साथ वित्त विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।