चंडीगढ़ कोर्ट की स्पेशल एनडीपीएस जज हरगुरजीत कौर ने एक नशा तस्करी के मामले में आरोपी राजेंद्र सिंह को 10 साल की कैद और 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला थाना मौलीजागरां में दर्ज 16 मार्च 2020 के मामले में सुनाया गया। आरोपी को 11 इंजेक्शन बूप्रेनोरफीन (2 एमएल प्रत्येक) के साथ पकड़ा गया था। अदालत ने कहा कि नशे का कारोबार समाज और युवाओं के भविष्य के लिए बड़ा खतरा है, इसलिए ऐसे अपराधों में कोई नरमी नहीं बरती जा सकती। जुर्माना नही भरा तो कैद काटनी होगी दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि नशा तस्करी गंभीर अपराध है और ऐसे लोगों को सजा देना जरूरी है ताकि समाज में गलत संदेश न जाए। अदालत ने आरोपी को 10 साल की सख्त कैद और 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो आरोपी को अतिरिक्त 8 महीने की कैद काटनी होगी। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी ने जो समय पहले से जेल में बिताया है, उसे सजा में जोड़ा जाएगा और जब्त नशे को कानून के अनुसार नष्ट किया जाएगा। परिवार का अकेला सहारा सजा सुनाने से पहले आरोपी के वकील विवेक कथूरिया ने अदालत से दया की मांग की। उन्होंने कहा कि राजेंद्र विवाहित है, उसके दो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं और उसकी मां बीमार है। पूरा परिवार उसी पर निर्भर है, इसलिए सजा में राहत दी जाए। राज्य की तरफ से केस लड़ रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक अशोक रोहिल्ला ने कहा कि आरोपी के पास से मिला नशा इतनी मात्रा में था कि इसे बेचने के लिए रखा गया था। ऐसे लोगों को सख्त सजा देना जरूरी है, क्योंकि नशा समाज के युवाओं को बर्बाद कर रहा है। जानिए पूरा मामला क्या था पुलिस ने 16 मार्च 2020 को राजेंद्र सिंह (42), निवासी चरण सिंह कॉलोनी, मौलीजागरां को पकड़ा था। उसके पास से 11 इंजेक्शन बूप्रेनोरफीन के मिले थे, जो नशे की व्यावसायिक मात्रा मानी जाती है। जांच में यह साबित हुआ कि वह नशे का अवैध कारोबार करता था। इसके बाद उस पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 के तहत मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया गया।