चंडीगढ़ में आरोपी की कस्टडी को लेकर बवाल:पंजाब पुलिस ने थाना घेरा, सुखना लेक पर इंस्पेक्टर और रोपड़ SP में हुई तीखी बहस

पंजाब में राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के 10 विधायकों के जाली साइन करके नॉमिनेशन भरने वाले शख्स को अरेस्ट करने के मुद्दे पर पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस आमने-सामने आ गई हैं। नॉमिनेशन भरने वाले जयपुर के नवनीत चतुर्वेदी को गिरफ्तार करने के लिए रोपड़ के SP गुरदीप सिंह और DSP अपनी टीम के साथ चंडीगढ़ पहुंचे। दूसरी ओर चंडीगढ़ पुलिस ने नवनीत चतुर्वेदी को सिक्योरिटी दे रखी है। इसी मुद्दे पर पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस के बीच विवाद खड़ा हो गया। देर रत तक रोपड़ एसपी गुरदीप सिंह चंडीगढ़ के सेक्टर-3 थाने के अंदर नवनीत चतुर्वेदी की गिरफ्तारी को लेकर बात करते रहे। इस बीच पंजाब पुलिस के जवानों की एक बस और एंटी रॉयट दस्ता लेकर कई अन्य अधिकारी वहां पहुंच गए। थाने के बाहर चंडीगढ़ पुलिस ने बैरिकेडिंग की। इसके बाद पुलिस स्टेशन के दोनों गेट बंद कर दिए गए। पंजाब पुलिस की तैनाती और बैरिकेडिंग की 2 PHOTOS… सुखना लेक के पास चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस में बहस
इससे पहले मंगलवार दोपहर सुखना लेक के पास दोनों पुलिस की टीमों के बीच सड़क पर तीखी बहस हो गई। रोपड़ के SP और चंडीगढ़ के सेक्टर-3 थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर नरेंद्र पटियाल आपस में उलझ गए। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया जिसमें इंस्पेक्टर पटियाल खुद रोपड़ SP गुरदीप सिंह की गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठा दिख रहा है जबकि रोपड़ पुलिस के जवान उसे उतारने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर पटियाल कह रहा है- मैं डरता नहीं किसी से। इस पर SP गुरदीप सिंह सामने से कह रहे हैं कि ऐसे ही बैठे रहो फिर गाड़ी में। यह ड्रामा काफी देर चला। इसके बाद चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर खुद मौके पर पहुंचीं और नवनीत चतुर्वेदी को चंडीगढ़ पुलिस हेडक्वार्टर ले गईं। वहां से उसे सेक्टर-3 पुलिस थाने ले जाया गया। नवनीत के वकील भी थाने पहुंच गए। नवनीत पर रोपड़ सिटी थाने में केस दर्ज
नवनीत चतुर्वेदी की ओर से विधायकों की फर्जी स्टैंप बनाए जाने के कारण उसके खिलाफ रोपड़ सिटी थाने में केस दर्ज किया गया। इसी केस में पुलिस टीम उसे अरेस्ट करने पहुंची थी। उधर राज्यसभा सीट के लिए नॉमिनेशन भरने के बाद नवनीत चतुर्वेदी रविवार को चंडीगढ़ पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचा और सिक्योरिटी मांगी। इसके बाद उसे सिक्योरिटी मुहैया करवा दी गई। उसका राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन पहले रद्द हो चुका है। इस पर नवनीत ने हाईकोर्ट जाने की बात कही है। चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस में टकराव का VIDEO सामने आया अब विस्तार से पढ़िए पूरा विवाद ऑटो ड्राइवर बोला- चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस में हाथापाई हुई
प्रत्यक्षदर्शी ऑटो ड्राइवर भैया राम ने कहा कि मैं ऑटो में सवारियां लेकर जा रहा था। इस दौरान सुखना लेक पर जाम लगा हुआ था। यहां चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस में हाथापाई हो रही थी। दोनों तरफ से पिस्टल तक निकाल ली गईं। इसके बाद मैं सवारी लेकर आगे निकल गया। पंजाब AAP प्रधान की 2 अहम बातें… फर्जी हस्ताक्षर का ऐसे हुआ खुलासा
नवनीत राजस्थान के जयपुर का रहने वाला है। उसने पंजाब में राज्यसभा चुनाव के लिए 6 और 13 अक्टूबर को नामांकन पत्र दाखिल किए। उसने खुद को जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया। नवनीत ने पंजाब के 10 विधायकों की मुहरें बनवाकर और फर्जी हस्ताक्षर कर उन्हें खुद का प्रस्तावक घोषित कर दिया। उसने दावा किया था कि पंजाब में 69 विधायक उसके समर्थन कर रहे हैं और अंदरखाते उसके साथ हैं। सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा होने के बाद विधायकों ने इसकी शिकायत दी। कुंवर विजय प्रताप समेत अन्य ने लिखा पत्र
अमृतसर से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह समेत अन्य विधायकों की तरफ से पंजाब के DGP गौरव यादव और विधानसभा सचिव राम लोक खटना को पत्र लिखा गया था। उन्होंने लिखा- उनकी तरफ से नवनीत चतुर्वेदी को राज्यसभा सदस्य के लिए प्रस्तावित नहीं किया है। उनकी जाली मुहर बनाकर और फर्जी हस्ताक्षर कर नवनीत चतुर्वेदी ने नामांकन दाखिल किए हैं। शिकायतें मिलने के बाद कार्रवाई की गई
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतें मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई की गई है। जिसमें कहा गया है कि नवनीत चतुर्वेदी द्वारा पंजाब से आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए प्रस्तुत किए गए नामांकन पत्रों पर उनके हस्ताक्षरों की कथित जालसाजी की गई है। जानकारी के मुताबिक रविवार को नवनीत चंडीगढ़ पुलिस के हेडक्वार्टर में पहुंचा था और सिक्योरिटी मांगी। इसके बाद उसे सिक्योरिटी दे दी गई। 2019 में दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ा, मिले 334
बिहार छपरा में जन्में नवनीत चतुर्वेदी की पढ़ाई राजस्थान से हुई है। 2019 में नवनीत ने साउथ दिल्ली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। उस वक्त उसे 334 वोट ही मिले थे। नवनीत जीओ पॉलिटिक्स नामक पुस्तक लिखने के बाद भी चर्चा में आया था। संजीव अरोड़ा के विधायक बनने से खाली हुई सीट
संजीव अरोड़ा ने 1 जुलाई 2025 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। लुधियाना पश्चिम से विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी के निधन के बाद इसी साल जून में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था। इसके लिए पार्टी ने अपने राज्यसभा मेंबर संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाया था। अरोड़ा ने 10637 वोटों से जीत हासिल की थी। इसके बाद पंजाब सरकार ने उन्हें उद्योग व एनआरआई मंत्री बनाया। तब से ये सीट खाली है। 3 दिन पहले रजिंदर गुप्ता ने आप की तरफ से भरा नामांकन
AAP तरफ से उद्योगपति रजिंदर गुप्ता को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है। गुप्ता ने तीन दिन पहले ही नामांकन दाखिल किया है। इस दौरान CM भगवंत मान और राज्यसभा छोड़कर मंत्री बने संजीव अरोड़ा भी उनके साथ मौजूद रहे थे।

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