चंडीगढ़ में ड्रग तस्करों द्वारा नशे से कमाई गई प्रॉपर्टी को अटैच कर कार्रवाई का सिलसिला तेज कर दिया गया है। पहले चंडीगढ़ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने 3 ड्रग तस्करों की 3.69 करोड़ से अधिक की संपत्ति फ्रीज करवाई थी। लेकिन अब एक और लिस्ट तैयार की जा रही है, जिसमें शहर और बाहर के कई ड्रग तस्कर शामिल हैं। इन लोगों ने नशे की कमाई से न केवल चंडीगढ़ बल्कि अन्य राज्यों में भी प्रॉपर्टीज बना रखी हैं। पुलिस की ओर से अब उनकी संपत्तियों पर जाकर पूछताछ की जा रही है कि उस संपत्ति पर इस समय कौन रह रहा है और क्या वह संपत्ति आरोपियों ने किसी और को बेच दी है। इन सभी से जुड़े दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। ड्रग पेडलरों की संपत्ति अटैच कर फ्रीज करने की कार्रवाई एसपी क्राइम जसबीर और डीएसपी धीरज द्वारा करवाई गई है। एक साल तक नहीं मिलेगी जमानत चंडीगढ़ पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने ड्रग पैडलर बाला, दिक्षांत और दीपक मित्तल उर्फ विक्की को पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत निवारक हिरासत (Preventive Detention) में लिया है। पहले इन्हें असम के डिब्रूगढ़ स्थित सेंट्रल जेल भेजने की तैयारी थी, लेकिन बाद में इन्हें चंडीगढ़ जेल में ही रखा गया। पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत ऐसे अपराधियों को एक साल तक बिना मुकदमे के जेल में रखा जा सकता है। जो बार-बार नशा बेचते हुए पकड़े जाते हैं और अपनी आदत से बाज नहीं आते। इस दौरान उनकी जमानत भी नहीं होती। आरोपियों की फ्रीज की गई संपत्तियों का ब्योरा पहला मामला: चंडीगढ़ बुड़ैल के मोहम्मद इम्तियाज, हरियाणा के अंबाला निवासी गगन उर्फ गगन चावला और पंजाब के मानसा निवासी सुखप्रीत सिंह उर्फ प्रदीप के मामले में कई सहयोगी पकड़े गए। इनमें जालंधर के सुरिंदर सिंह सूफी, लुधियाना के नीरज कुमार, फिरोजपुर के नछत्तर सिंह, होशियारपुर के रेशम सिंह, जालंधर के कबीर नगर से रेशम सिंह और जसविंदर कौर, और फरीदकोट के लखप्रीत सिंह बराड़ शामिल हैं। इस मामले में कुल ₹1 करोड़ 94 लाख 15 हजार 688 की संपत्ति फ्रीज की गई, जिसमें ₹9 हजार की ड्रग मनी, ₹4 लाख की अचल संपत्ति, ₹3 लाख 75 हजार 340 की चल संपत्ति, ₹1 करोड़ 42 लाख 11 हजार 611 का बैंक बैलेंस और ₹9 लाख 60 हजार 674 का सोना शामिल है। दूसरा मामला: पंजाब के मोगा निवासी विक्रमजीत सिंह, मोहाली सेक्टर 91 निवासी अवनीत और फिरोजपुर निवासी लवप्रीत सिंह के मामले में फिरोजपुर जिले के गांव लालूवाला के कृष्ण सिंह और निशान सिंह भी शामिल थे। इस मामले में चंडीगढ़ सेक्टर 27 निवासी रूपक कृष्णभाई चोकसी एक सहयोगी के रूप में पकड़ा गया। कुल ₹40 लाख 43 हजार 488 की संपत्ति फ्रीज की गई, जिसमें ₹4 लाख 50 हजार की ड्रग मनी और ₹35 लाख 93 हजार 488 की चल संपत्ति शामिल है। तीसरा मामला: मोहाली की एरो विस्टा रिवर डेल सोसाइटी के निवासी गगनदीप सिंह कंग और पंजाब के मानसा निवासी पंकज कुमार के मामले में कुल ₹1 करोड़ 35 लाख की संपत्ति फ्रीज की गई। इसमें ₹10 लाख नकद और हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली में स्थित 5 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत ₹1 करोड़ 25 लाख है, शामिल है।